कौन होगा अलकायदा का अगला चीफ, कैसे चुना जाता है इस आतंकी संगठन का सरगना, सुरक्षा एजेंसियों के लिए क्या बढ़ेगी चुनौती, जानिए
By मेघना सचदेवा | Published: August 4, 2022 12:38 PM2022-08-04T12:38:53+5:302022-08-04T12:38:53+5:30
अमेरिका ने 31 जुलाई को अलकायदा चीफ को मिसाइल अटैक से मार गिराया है। अब अलकायदा के नए सरगना को लेकर कई नाम सामने आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक एक नहीं दो नहीं बल्कि 4 नाम है जो अब अलकायदा चीफ के लिए सामने आए हैं।
अयमान अल जवाहिरी के मरने के बाद आतंकी संगठन अलकायदा के नए चीफ को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं।बताया जाता है कि अलकायदा में कई ऐसे चेहरे हैं जो आतंक की दुनिया से काफी पुराना रिश्ता रखते है। अमेरिका ने 31 जुलाई, 2022 को अलकायदा चीफ को मिसाइल अटैक से मार गिराया। अब अलकायदा के नए सरगना को लेकर कई नाम सामने आ रहे हैं। आखिर कौन हो सकता है अगला अलकायदा चीफ, कैसे चुना जाता है इस आतंकी संगठन का सरदार, जानते हैं सब कुछ।
कैसे मारा गया अलकायदा चीफ अल जवाहिरी?
सोमवार को जो बाइडन ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अमेरिका ने काबुल में एक ड्रोन हमले में अल कायदा चीफ अयमान अल जवाहिरी को मार गिराया है। अल जवाहिरी दुनिया के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक था और 2001 में 11 सितंबर के हमलों के मास्टरमाइंड के तौर पर जाना जाता था। बताया जा रहा है कि रविवार को जवाहिरी काबुल में एक घर की बालकनी में खड़ा था। 31 जुलाई को सूरज उगने के करीब एक घंटे बाद दो हेलफायर मिसाइलों से उसे निशाना बनाया गया था।
जबसे अलकायदा बना है तब से अब तक अयमान अलकायदा का दूसरा चीफ था। ओसामा बिन लादेन अलकायदा का 1988 से चीफ था । 2011 में अमेरिका ने उसे मार गिराया था जिसके बाद अल जवाहिरी को चीफ की कमान सौंप दी गई। वो मोस्ट वांटेड आतंकी था। नए चीफ के तौर पर अल जवाहिरी के लिए सभी की सहमति थी। वो बिन लादेन का सबसे खास दोस्त कहा जाता था। हालांकि अब अलकायदा के लिए नए चीफ को ढूंढना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक एक नहीं दो नहीं बल्कि 4 नाम है जो अब अलकायदा चीफ के लिए सामने आए हैं।
अलकायदा चीफ की रेस में कौन आगे ?
यूएन एक्सपर्ट टीम की एक रिपोर्ट पर गौर करें तो अल रहमान अल मगरिबी, यज़ीद मुबारक और अहमद दीरीए नाम के 3 शख्स है जिनको फिलहाल अलकायदा चीफ की रेस में शामिल माना जा रहा है। वहीं एक और शख्स है जिसका नाम है सैफ अल अदेल जिसको फिलहाल इस रेस में सबसे आगे माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि अलकायदा में मिस्र और अरब के लोगों को ही ज्यादा प्राथमिकता दी जाती है। अलकायदा चीफ की रेस में आगे चल रहे 4 लोगों में से सिर्फ सैफ अल अदेल ही मिस्र से नाता रखता है। जबकि बाकी 3 न तो मिस्र से हैं न ही अरब से। यही कारण है कि अलकायदा के नए सरगना के लिए सैफ अल अदेल पक्का दावेदार माना जा रहा है।
सैफ अल अदेल
सैफ अल अदेल एफबीइआई की लिस्ट में मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में शामिल है। एफबीइआई के मुताबिक सैफ अल अदेल का जन्म 11 अप्रैल को हुआ। हालांकि जन्म के साल को लेकर जानकारी पुख्ता नहीं है। 1960 या 1963 में उसका जन्म हुआ। वो मोहम्मद इब्राहिमए इब्राहिम अल जैसे कई उपनामों का इस्तेमाल करता है। यहां तक कि एफबीइआई ने उसपर 10 मिलियन डॉलर का इनाम भी रखा है।
कुछ रिपोर्टस में ये भी दावा किया गया है 1980 के दशक में सैफ अल अदेल मख्तब अल खिदमत नाम के संगठन से जुड़ा था। इस संगठन को शुरू करने वाले लोगों में अलकायदा के चीफ रह चुके ओसामा बिन लादेन और अल जवाहिरी का नाम भी शामिल है। जबकि अलकायदा को शुरू करने में सैफ अल अदेल का भी नाम शामिल है। बताया जाता है कि अदेल इजिप्ट का पूर्व कर्नल है। 1980 में ही सैफ अल अदेल की मुलाकात ओसामा बिन लादेन और अल जवाहिरी से हुई थी।
उस वक्त अदेल ने अफगानिस्तान में रूसी अर्मी से जंग में भी हिस्सा लिया था। एफबीआई के मुताबिक ये खतरनाक आतंकी कई जगहों पर अमेरिकी नागरिकों पर हमले उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचा चुका है। उसे तंजानिया और केन्या में अमेरिकी दूतावास पर हमले का मास्टमाइंड माना जाता है।
आदेल पर 1993 में सोमालिया में ब्लैक हॉक डाउन ऑपरेशन को अंजाम देने का आरोप है इसमें 19 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी। कहा जाता है इस खूंखार आतंकी ने बहुत ही छोटी उम्र में अपनी मौत का नाटक किया था। अमेरिका में 9 सितंबर को हुए हमलों के बाद उसने अपने आप को ईरान में छुपा लिया। हालांकि कुछ मीडियो रिपोर्टस से कहती हैं कि अदेल चीफ नहीं बनना चाहता। वो दुनिया की नजरों से दूर रहना चाहता है। उसे सौंपे गए काम खुफिया होते है।
अल रहमान अल मगरिबी
अल रहमान अल मगरिबी मारे गए अलकायदा चीफ अल जवाहिरी का दामाद है। उसका जन्म मोरक्को में हुआ और पढ़ाई जर्मनी में हुई। एफबीआई की मानें तो इसके बाद वो अफगानिस्तान चला गया जहां उसे अलकायदा की मीडिया विंग की जिम्मेदारी सौंपी गई। मगरिबी भी अमेरिका में सितंबर को हुए हमले के बाद इरान में छिप गया और बाद में पाकिस्तान चला गया।
गौरतलब है कि जब अलकायदा चीफ लादेन की मौत हुई थी तब उनका बेटा हमजा ही अलकायदा का अगला सरगना माना जा रहा था। हालांकि उस वक्त हमजा की भी मौत की खबर मीडिया में आई थी जिसकी कोई पुष्टि नहीं हुई। कहा जा रहा है अलकायदा चीफ अल जवाहिरी से रिश्ता होने के चलते भी मगरिबी को आतंकी संगठन का अलगा सरगना बनाया जा सकता है।
यजीद मुबारक
इसके बाद आता है यजीद मुबारक का नाम। यजीद का जन्म अल्जीरिया में हुआ। अकायदा के ग्लोबल मैनेजमेंट को यजीद ही देखता है। बता दें कि कुछ रिपोर्टस में इस बात का जिक्र है कि यजीद और उसके रिश्तेदार अलकायदा में काम कर चुके हैं। 53 साल के मुबारक पर यूएस ने 7 मिलिसन का इनाम रखा है।
अहमद दीरीए
अहमद दीरीए को अहमद अबू के नाम से भी जाना जाता है। अहमद अल शबाब का चीफ माना जाता है। सोमालिया में कई हमलों में उसी का हाथ रहा है। उसका मानना है सोमालिया में आतंक फैलाना अलकायदा के ही मकसद में से एक है। बता दें कि उसने 2014 में अल शबाब की कमान संभाली थी।
आखिर कैसे होता है अलकायदा के चीफ का चुनाव ?
चार नामों को भले ही अलकायदा चीफ की रेस में शामिल बताया जा रहा हो लेकिन अलकायदा के चीफ का चुनाव आखिर कैसे होता है। अलकायदा में चीफ चुनने की प्रक्रिया अब तक क्या रही है। जानते हैं।
अलकायदा की गवर्निंग काउंसिल अलकायदा चीफ को चुनती है। इस गवर्निंग काउंसिल में आतंकी संगठन में टॉप पर बैठे सभी लोग शामिल होते हैं और ये लगातार अलकायदा की बाकि विंग्स से संपर्क में रहते हैं। 2011 में लादेन की मौत के बाद अल जवाहिरी को इन सभी लोगों ने सहमति लेनी थी। निष्ठां की प्रतिज्ञा लेने के बाद उसे अलकायदा चीफ बनाया गया। इस सब में सैफ अल अदेल ने जवाहिरी की मदद की।
कितने वक्त में बनता है अगला चीफ?
लादेन की मौत के लगभग 6 हफ्ते बाद अलकायदा ने अल जवाहिरी के नाम का एलान किया था। ये भी कहा जाता है उस वक्त अल जवाहिरी को सबकी सहमति लेने में वक्त लगा था इसलिए अलकायदा का अगला चीफ बनने में देरी हुई थी।
क्या नए चीफ से और बढ़ेगी अलकायदा की मजबूती ?
जानकारों का मानना है कि अलकायदा पहले से ज्यादा मजबूत हैं ऐसे में नया चीफ कौन होगा कैसा होगा इस पर सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें बनी हुई है। आतंकी संगठन आईएसआई के कमजोर होने के बाद अलकायदा लगातार अपने कामों को अंजाम दे रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान राज होने के बाद भी अलकायदा की ताकत बढ़ गई है। अल जवाहिरी के बाद अब फिर से एक नए अलकायदा चीफ के बारे में पता लगाना या उसके मंसूबों को जान पाना सुरक्षा एजेंसियों के लिए कोढ़ में खाज का काम ही करेगा।