हरियाणा के युवा की यूक्रेन में लड़ते हुए मौत, परिवार का आरोप- 10 साल जेल की धमकी देकर रूसी सेना में भर्ती किया गया था

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: July 29, 2024 15:27 IST2024-07-29T15:25:49+5:302024-07-29T15:27:28+5:30

रवि मौन के भाई ने उनके बारे में जानकारी के लिए 21 जुलाई को दूतावास को पत्र लिखा था। दूतावास ने उन्हें जानकारी दी कि उनकी मौत हो गयी है। परिवार ने कहा कि दूतावास ने उनसे शव की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण रिपोर्ट भेजने को भी कहा।

22-year-old man from Haryana died fighting against Ukraine joined Russian army | हरियाणा के युवा की यूक्रेन में लड़ते हुए मौत, परिवार का आरोप- 10 साल जेल की धमकी देकर रूसी सेना में भर्ती किया गया था

रवि मौन ट्रांसपोर्ट जॉब के लिए रूस गए थे लेकिन उन्हें सेना में शामिल कर लिया गया

Highlightsयूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ रहे रूसी सेना में शामिल हरियाणा के एक 22 वर्षीय व्यक्ति की मृत्युवह ट्रांसपोर्ट जॉब के लिए 13 जनवरी को रूस गए थे रूस गए थेउन्हें सेना में शामिल कर लिया गया

Russia-Ukraine War: यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ रहे रूसी सेना में शामिल हरियाणा के एक 22 वर्षीय व्यक्ति की मृत्यु हो गई है। मॉस्को में भारतीय दूतावास ने रवि मौन की मौत की पुष्टि की है। रवि मौन हरियाणा के कैथल जिले के मटौर गांव के रहने वाले थे। वह ट्रांसपोर्ट जॉब के लिए 13 जनवरी को रूस गए थे लेकिन उन्हें सेना में शामिल कर लिया गया।

पीटीआई के अनुसार रवि मौन के भाई ने उनके बारे में जानकारी के लिए 21 जुलाई को दूतावास को पत्र लिखा था। दूतावास ने उन्हें जानकारी दी कि  उनकी मौत हो गयी है। परिवार ने कहा कि दूतावास ने उनसे शव की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण रिपोर्ट भेजने को भी कहा। 

पीटीआई से बातचीत में अजय मौन ने कहा कि रवि 13 जनवरी को रूस गया था। एक एजेंट ने उसे परिवहन कार्य के लिए रूस भेजा था। हालांकि, उसे रूसी सेना में शामिल कर लिया गया। ये मामला रूस द्वारा देश की सेना में शामिल भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई और वापसी सुनिश्चित करने की भारत की मांग पर सहमति जताने के कुछ दिनों बाद आया है।

अजय मौन ने आरोप लगाया कि रूसी सेना ने उनके भाई को यूक्रेनी सेना के खिलाफ लड़ने के लिए अग्रिम पंक्ति में जाने या 10 साल की जेल का सामना करने के लिए कहा था। अजय मौन ने बताया कि उनके भाई को खाई खोदने का प्रशिक्षण दिया गया और बाद में अग्रिम पंक्ति में भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि हम 12 मार्च तक उनके संपर्क में रहे और वह काफी परेशान थे। 

अजय मौन के पत्र पर भारतीय दूतावास के जवाब के अनुसार दूतावास ने संबंधित रूसी अधिकारियों से उनकी मृत्यु की पुष्टि करने और उनके पार्थिव शरीर को घर भेजने का अनुरोध किया। रूसी पक्ष ने उनकी मौत की पुष्टि की है। हालांकि, शव की पहचान करने के लिए, उन्हें उसके करीबी रिश्तेदारों से डीएनए परीक्षण की आवश्यकता है।

अजय मौन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने भाई के पार्थिव शरीर को भारत वापस लाने का भी अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि परिवार ने उसे रूस भेजने के लिए एक एकड़ जमीन बेच दी और 11.50 लाख रुपये खर्च किए। अब हमारे पास उसका शव वापस लाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं।

Web Title: 22-year-old man from Haryana died fighting against Ukraine joined Russian army

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