2018 भारत और अमेरिका के कूटनीतिक रिश्तों के हिसाब से रहा ऐतिहासिक वर्ष, हुए कई समझौते

By भाषा | Published: December 30, 2018 04:33 PM2018-12-30T16:33:00+5:302018-12-30T16:33:00+5:30

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सितंबर में भारत को "टैरिफ किंग" कहकर व्यापार विवाद छेड़ दिया था। हालांकि, दो महीने बाद, उन्होंने भारतीयों की अच्छे वार्ताकारों के रूप में प्रशंसा की जब दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार सौदे पर बातचीत शुरू की।

2018 is a great year for India-America diplomatic relationship | 2018 भारत और अमेरिका के कूटनीतिक रिश्तों के हिसाब से रहा ऐतिहासिक वर्ष, हुए कई समझौते

2018 भारत और अमेरिका के कूटनीतिक रिश्तों के हिसाब से रहा ऐतिहासिक वर्ष, हुए कई समझौते

(ललित के झा) 

व्यापार के मुद्दों पर विवाद के बावजूद, भारत और अमेरिका ने 2018 में अपनी रणनीतिक और रक्षा संबंधों को मजबूत बनाने में "ऐतिहासिक" प्रगति की। जापान के साथ पहली त्रिपक्षीय बैठक आयोजित करने से लेकर पहली 2+2 वार्ता तक, भारत और अमेरिका इस साल अपने द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले गये। 2+2 के दौरान दोनों देशों ने लंबे समय से लंबित कॉमकासा समझौता पर हस्ताक्षर किये। इसके तहत भारत अमेरिका से अधिक संवेदनशील और अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों की खरीदी कर सकेगा।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सितंबर में भारत को "टैरिफ किंग" कहकर व्यापार विवाद छेड़ दिया था। हालांकि, दो महीने बाद, उन्होंने भारतीयों की अच्छे वार्ताकारों के रूप में प्रशंसा की जब दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार सौदे पर बातचीत शुरू की।

भारत उन कुछ देशों में से है, जिसने ट्रम्प प्रशासन से ईरान प्रतिबंधों पर छूट हासिल की है। भारत ने पाकिस्तान पर 2008 के मुंबई हमले के अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए दबाव डाला और 26/11 हमले की साजिश रचने या हमले को अंजाम देने के किसी भी दोषी की किसी देश में गिरफ्तारी या सजा की सूचना देने के लिए 50 लाख अमरीकी डॉलर के इनाम की घोषणा की।

दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के लिए अमेरिका की प्रधान उप सहायक विदेश मंत्री एलिस वेल्स ने पीटीआई से कहा, ‘‘यह अमेरिका-भारत संबंधों के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष रहा है क्योंकि हम हरके क्षेत्र में मजबूत संबंध स्थापित कर रहे हैं।’’ 

ट्रंप सरकार में अहम स्थान रखने वाली वेल्स ने कहा, ‘‘पिछले महीने, ब्यूनस आयर्स में राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ पहली अमेरिका-भारत-जापान त्रिपक्षीय बैठक की, तीनों नेताओं के बीच हुई उस बैठक को प्रधानमंत्री मोदी ने 'जय' कहा था। अमेरिकी उपराष्ट्रपति पेंस ने सिंगापुर में प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक के दौरान रणनीतिक साझेदारी की तीव्र प्रगति की समीक्षा की।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने सितंबर में पहले 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद को "तेजी से हो रही हमारी गहरी दोस्ती का प्रतीक" बताया था।

उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के साथ 2+2 वार्ता की थी। इसमें दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा के साथ-साथ रक्षा, व्यापार, संचार इत्यादि जैसे विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित कई महत्त्वपूर्ण करार हुये।

वेल्स ने कहा, ‘‘2+2 वार्ता, भारत को अमेरिका के एक प्रमुख रक्षा साझेदार के रूप में उल्लेख करने के साथ-साथ वैश्विक चुनौतियों पर आपसी सहयोग और स्वतंत्र और खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र की हमारी साझी दृष्टि पर केंद्रित रहा था" 

उन्होंने कहा, ‘‘"इस वार्ता का समापन संचार संगतता और सुरक्षा समझौते (कॉमकासा) पर हस्ताक्षर करने के साथ हुआ, जो हमारी सेनाओं के बीच अधिक पारस्परिकता प्रदान करेगा, सूचना और खुफिया जानकारियों के साझाकरण को बढ़ाएगा और ऊंच-श्रेणी की अमेरिकी सैन्य प्रौद्योगिकी तक भारत की पहुंच को सुनिश्चित करेगा।" 

उन्होंने कहा, ‘‘इस समझौते को अंतिम रूप देना एक ऐतिहासिक कदम था और तब से, हमने कई और समझौतों को अंतिम रूप देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जो हमारे सैन्य क्षेत्रों और निजी क्षेत्रों को एक साथ काम करने में सक्षम बनाएगा।’’ 

इस वर्ष कई उच्च-स्तरीय वैश्विक सम्मेलनों में अपनी मजबूत दस्तक और प्रमुख भागीदारियों से भारत ने विश्व पटल पर स्वयं को दुनिया की एक उभरती महाशक्ति के तौर पर प्रस्तुत करने में कामयाब रही। इस बीच अमेरिका के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी भी अहम पड़ाव पर पहुंचा, जिसमें चार भागीदार देशों (ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका) के बीच दो बैठकें और पिछले महीने जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत-जापान-अमेरिका की त्रिपक्षीय बैठक शामिल है।

आर्थिक मोर्चे पर, भारत-अमेरिका के बीच व्यापार संबंध में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसपर वेल्स ने कहा कि पिछले साल दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 126 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।

उन्होंने कहा, "अभी भी, हम बहुत कुछ कर सकते हैं। अमेरिकी कंपनियों को हमारी साझेदारी की पूरी क्षमता का एहसास करने के लिए भारत के बाजारों तक बेहतर पहुंच की आवश्यकता है।" 

उन्होंने कहा कि ट्रम्प प्रशासन इस संबंध को मजबूत करने की दिशा में लगातार तत्पर है और हर साल साझा हितों के क्षेत्र में भारतीय समकक्षों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

अमेरिका-भारत व्यापार परिषद की अध्यक्ष निशा देसाई बिस्वाल का कहना है कि वर्ष 2018 उथल-पुथल भरा है। इस साल लंबे समय से व्यापार समझौतों और तंत्र को प्रभावित करने वाले राजनयिक व व्यापारिक विवादों ने काफी सूर्खियां बटोरी, जिसमें बदले की भावना से शुल्क लगाने, बढ़ते संरक्षणवाद, और विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की आर्थिक नीति में घरेलू राजनीतिक संघर्ष शामिल रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘व्यापारिक विवादों के बावजूद, भारत-अमेरिका के वाणिज्यिक और रणनीतिक संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं, जो तेजी से द्विपक्षीय व्यापार का विस्तार कर रहे हैं।"

Web Title: 2018 is a great year for India-America diplomatic relationship

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