यमन: हूती विद्रोहियों द्वारा भर्ती किये गए 2,000 बच्चे मारे गए, 10 से 17 साल के बीच थी उम्र, संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में खुलासा

By विशाल कुमार | Published: January 30, 2022 09:05 AM2022-01-30T09:05:43+5:302022-01-30T09:13:58+5:30

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक रिपोर्ट में कहा गया कि उसे हूती विद्रोहियों द्वारा भर्ती किये गए 1,406 बच्चों की सूची मिली, जो 2020 में लड़ाई में मारे जा चुके हैं। इसके अलावा 562 बच्चों की एक और सूची मिली है, जिनकी मौत जनवरी से मई 2021 के बीच हुई।

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यमन: हूती विद्रोहियों द्वारा भर्ती किये गए 2,000 बच्चे मारे गए, 10 से 17 साल के बीच थी उम्र, संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में खुलासा

Highlightsयमन में हूती विद्रोहियों द्वारा भर्ती किये गए करीब 2,000 बच्चे लड़ाई में मारे गए हैं।विशेषज्ञों ने कहा कि मारे जा चुके बच्चों की उम्र 10 से 17 साल के बीच थी।अरब दुनिया के सबसे गरीब देश यमन में संघर्ष 2014 में तब शुरू हुआ।

संयुक्त राष्ट्र: यमन में हूती विद्रोहियों द्वारा भर्ती किये गए करीब 2,000 बच्चे जनवरी, 2020 से मई, 2021 के बीच लड़ाई में मारे गए हैं और ईरान समर्थित विद्रोही युवाओं को लड़ाई के प्रति प्रोत्साहित करने के लिये लगातार शिविरों का आयोजन कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने एक नयी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। 

शनिवार को प्रसारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की चार सदस्य समिति की एक रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने कहा कि उन्होंने स्कूलों और एक मस्जिद में कुछ ग्रीष्मकालीन शिविरों की जांच की, जहां हूती विद्रोहियों ने अपनी विचारधारा का प्रसार किया है। साथ ही उन्होंने यमन की अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार के साथ सात साल से चले आ रहे युद्ध में बच्चों की भर्ती के बारे में जानकारी ली। 

समिति ने कहा कि उसे हूती विद्रोहियों द्वारा भर्ती किये गए 1,406 बच्चों की सूची मिली, जो 2020 में लड़ाई में मारे जा चुके हैं। इसके अलावा 562 बच्चों की एक और सूची मिली है, जिनकी मौत जनवरी से मई 2021 के बीच हुई। विशेषज्ञों ने कहा कि उनकी उम्र 10 से 17 साल के बीच थी और उनमें से एक महत्वपूर्ण संख्या अमरान, धमार, हज्जाह, होदेदा, इब्ब, सादा और सना में मारे गए थे।

सऊदी गठबंधन बलों के हमले में जान गंवाने वाले बंदियों की संख्या 82 हो गई

इससे पहले जानकारी सामने आई थी कि यमन में हूती विद्रोहियों द्वारा संचालित जेल पर सऊदी अगुवाई वाले सैन्य गठबंधन की ओर से किए गए हवाई हमले में जान गंवाने वाले बंदियों की संख्या बढ़कर 82 हो गई है और 265 से अधिक घायल हुए।

इसके पहले सितबंर 2019 के हवाई हमले में दक्षिण-पश्चिम प्रांत धामर के बंदी गृह को निशाना बनाया गया था जिसके कारण 100 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हुए थे।

ताजा तनातनी हूती विद्रोहियों के उस दावे के बाद हुए जिसमें उन्होंने एक सप्ताह पहले संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी के अंदर ड्रोन और मिसाइल हमले करने की बात कही थी। 

इसका असर यह हुआ कि संयुक्त अरब अमीरात की अगुवाई वाले गठबंधन द्वारा किए गए हवाई हमलों की सहायता के बूते सरकारी सैनिकों ने हूतियों से शबवा के पूरे प्रांत को पुनः प्राप्त कर लिया है। 

सरकारी ने सेना ने हूतियों पर मध्य प्रांत मारिब में जाने का दबाव बना दिया है। हूती करीब एक साल से शबवा में रहकर प्रांतीय राजधानी पर नियंत्रण करने का प्रयास कर रहे थे।

2014 में शुरू हुआ अरब के सबसे गरीब देश यमन में संघर्ष

बता दें कि, अरब दुनिया के सबसे गरीब देश यमन में संघर्ष 2014 में तब शुरू हुआ, जब हूती विद्रोहियों ने राजधानी सना और उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लिया। 

इसके बाद सरकार को दक्षिण की ओर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा, फिर सऊदी अरब में निर्वासन के लिए मजबूर होना पड़ा। 

इसके बाद अमेरिकी समर्थन प्राप्त सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन ने महीनों बाद यमन के युद्ध में प्रवेश किया। फिर यह संघर्ष एक क्षेत्रीय छद्म युद्ध बन गया जिसमें अब तक हजारों नागरिक और लड़ाके मारे जा चुके हैं। 

इस युद्ध ने दुनिया का सबसे दयनीय मानवीय संकट पैदा किया है। यमन में लाखों लोग भोजन और चिकित्सकीय देखभाल की समस्या से जूझ रहे हैं। युद्ध ने इस देश को अकाल की कगार पर पहुंचा दिया है।

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