नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में सीमा पर जारी तनाव के बीच सोमवार को भारत व चीन के अधिकारियों के बीच करीब 13 घंटे तक बैठक हुई। इस बैठक का मुख्य उद्धेश्य दोनों देशों की सेना के बीच तनाव को कम करना था।
इस बार चीन की सेना पीएलए की तरफ से मेजर जनरल लिन लियू ने प्रतिनिधित्व किया। वहीं, भारत की तरफ से सेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह व लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन के साथ विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव भी बात करने के लिए गए थे।
यह बैठक चीन की तरफ मोल्डो में दोनों देशों के अधिकारियों के बीच सुबह 10 बजे से लकेर रात के 11 बजे तक चली। बैठक में जो बातें हुई है, उसके बारे में भारतीय अधिकारी दिल्ली के टॉप लीडर को बताएंगे।
बता दें कि यह करीब एक माह बाद दोनों देशों के सेना अधिकारी के बीच बैठक हुई है। इससे पहले भी पांच बार दोनों देशों के सेना अधिकारी बैठक कर चुके हैं। यही छठी बार बैठक हुई है।
बता दें कि इससे पहले 5 बार कमांडर स्तर की बातचीत के बाद भी दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर तनाव को कम नहीं किया जा सका है। चीन चाहता है कि भारत अपनी सेना को पूर्वी लद्दाख के फिंगर 4 वाले हिस्से के चोटियों से पीछे जमीन पर ले जाए, जबकि भारत चाहता है चीन चार माह पूर्व फिंगर 8 के जिस हिस्से में था, पीछे हटकर वहां चले जाए।
सूत्रों से मिली जानकारी की मानें तो चीन के साथ एलएसी पर तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच भारतीय सेना के जवानों ने भी रणनीति बनाकर चीन को उसी की भाषा में जवाब देना शुरू कर दिया है। मिल रही जानकारी के मुताबिक, भारतीय सेना ने LAC से लगे 6 और महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा कर लिया है।
बता दें कि भारतीय सेना ने जिन चोटियों पर कब्जा किया है, ये सभी बेहद महत्वपूर्ण है। यह भी बताना जरूरी है कि चीन भारत के बड़े भू-भाग में घूसपैठ कर चुका है।
दरअसल, भारत पूर्वी लद्दाख के क्षेत्र में फिंगर 8 तक के क्षेत्र पर अपना दावा करता रहा है। लेकिन, सच यह है कि बीते कुछ माह से चीनी सेना फिंगर 5 तक पहुंच गया है और फिंगर 4 की तरफ बढ़ने की तैयारी कर रहा है। चीनी सेना ने फिंगर 5,6,7 व 8 के पास कई अवैध निर्माण भी कर लिए हैं। ऐसे में भारत ने एलएसी से लगे फिंगर 4 तक के सभी अहम चोटियों पर अपनी तैनाती शुरू कर दी है।