लाइव न्यूज़ :

"जज साहब मुझे बच्चा पैदा करना है, पति को जेल से छोड़ दें", महिला ने हाईकोर्ट में लगाई गुहार

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: November 2, 2023 13:57 IST

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एक महिला ने मां बनने के लिए याचिका दायर करके अपने सजायाफ्ता पति को जेल से रिहा करने की अपील की है।

Open in App
ठळक मुद्देमध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एक महिला ने मां बनने के लिए दायर की याचिका महिला ने 'मौलिक अधिकार' के हवाले से सजायाफ्ता पति को रिहा करने की लगाई है गुहारमहिला ने कोर्ट से कहा कि वो मां बनना चाहती है, इसलिए पति को सलाखों से आजाद किया जाए

भोपाल: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एक महिला ने याचिका दायर कर अपने सजायाफ्ता पति को जेल से रिहा करने की अपील की है। महिला ने अपने याचिका के जरिये कोर्ट को बताया है कि वो मां बनने की इच्छा रखती है और इस इच्छा की पूर्ति के लिए उसके पति का सलाखों से आजाद होना बेहद जरूरी है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार महिला ने अपनी याचिका में कहा कि वह एक बच्चा पैदा करना चाहती है और प्रजनन को वह अपना 'मौलिक अधिकार' मानती है, इस कारण से उसके पति को छोड़ा जाना बेहद आवश्यक है।

हाईकोर्ट ने महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर में सरकार द्वारा संचालित नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के डीन की अगुवाई में पांच डॉक्टरों की एक टीम गठित करने का आदेश दिया, ताकि कोर्ट इस बात की जांच कर सके कि महिला याचिकाकर्ता गर्भधारण करने के लिए चिकित्सकीय रूप से फिट है या नहीं।

इस संबंध में सरकार के वकील सुबोध कथार ने कहा,  "माननीय उच्च न्यायालय ने महिला द्वारा दायर की गई रिट याचिका पर 27 अक्टूबर को आदेश पारित किया है। याचिकाकर्ता का पति आपराधिक मामले में जेल में है और वह गर्भधारण करना चाहती है।"

वकील सुबोध कथार ने आगे कहा, "महिला ने इसके लिए नंद लाल बनाम राज्य, गृह विभाग के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय के हवाला देते हुए कोर्ट से कहा कि संतान पैदा करना उसका मौलिक अधिकार है और इसलिए उसके पति को जेल से रिहा किया जाना चाहिए।"

इसके साथ ही सरकारी वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता की अपील पर न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकल पीठ ने सुनवाई की। हालांकि, महिला अपने रिकॉर्ड के अनुसार रजोनिवृत्ति की उम्र पार कर चुकी है। इस कारण से वह प्राकृतिक या कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से गर्भधारण नहीं कर सकती है। इस कारण से हाईकोर्ट ने एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया है।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम से मेडिकल रिपोर्ट बताए कि क्या याचिकाकर्ता गर्भधारण करने के लिए चिकित्सकीय रूप से फिट है या नहीं। इसके लिए याचिकाकर्ता को सात नवंबर को कॉलेज के डीन के सामने पेश होने का आदेश दिया गया है।

वकील सुबोध काथर ने कहा कि अदालत अब इस मामले में अगली सुनवाई मेडिकल रिपोर्ट मिलने के बाद 22 नवंबर को करेगी।

टॅग्स :Madhya Pradesh High Courtकोर्टcourt
Open in App

संबंधित खबरें

भारतभयावह हादसे के चार दशक, नहीं सीखे सबक

भारतविश्वरंग 2025: प्रतिभागियों और दर्शकों को भारतीय शास्त्रीय संगीत की गहराइयों से जोड़ा

भारतसरदार सरोवर विस्थापितों की जमीन पर हाईकोर्ट की सख्ती, रजिस्ट्री के आदेश से सरकार पर 500 करोड़ से ज्यादा का बोझ

भारतकानून की पकड़ से बच नहीं सकेगा कोई भी अपराधी, सीएम मोहन यादव बोले-कानून सबके लिए

भारतपंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर भोपाल के कटारा-बर्रई में बनेगा बड़ा स्पोर्ट्स स्टेडियम : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

ज़रा हटके अधिक खबरें

ज़रा हटकेVIDEO: AAP विधायक गोपाल इटालिया पर जूता फेंका, देखें वायरल वीडियो

ज़रा हटकेVIDEO: सीएम योगी ने मोर को अपने हाथों से दाना खिलाया, देखें वीडियो

ज़रा हटकेVIDEO: बारात में रसगुल्ले खत्म होने पर चली-कुर्सियां, मारपीट का वीडियो वायरल

ज़रा हटकेWATCH: रसगुल्ले के लिए घमासान, शादी समारोह में दूल्हा-दुल्हन के परिवारों के बीच मारपीट; बोधगया का वीडियो वायरल

ज़रा हटकेक्या पलाश मुच्छल पहुंचे प्रेमानंद महाराज की शरण में?, देखें वायरल फोटो