चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक वार्ता करने के लिए शुक्रवार(11 अक्टूबर) की सुबह भारत के लिए रवाना हुए। दोनों के बीच यह मुलाकात दक्षिणी राज्य तमिलनाडु चेन्नई में होगी। पीएम मोदी के चेन्नई पहुंचने के पहले ही ट्विटर पर #GoBackModi नंबर एक ट्रेंड कर रहा है। लोग इस हैशगैट के साथ कह रहे हैं कि पीएम मोदी को चेन्नई को आने की जरूरत नहीं है। #GoBackModi के साथ 60 हजार से ज्यादा लोगों ने ट्वीट किया है। पिछले करीब एक साल से जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु का दौरा किया, लगभग हर बार "गोबैक मोदी" जैसे हैशटैग ट्विटर पर ट्रेंड हुए हैं। ऐसे हैशटैग्स को ट्रेंड करवाने वाले लोगों में डीएमके कार्यकर्ता, सोशल ऐक्टिविस्ट के अलावा आम लोग भी शामिल होते हैं।
ट्विटर पर लोग कह रहे हैं कि पीएम मोदी जब भी तमिलनाडु में आएंगे, उनके लिए ही #GoBackModi ट्रेंड करेगा।
लोग ये भी कह रहे हैं कि तमिलनाडु के लोग पीएम मोदी का स्वागत कभी नहीं करेंगे।
आखिर क्यों तमिलनाडु के लोग पीएम मोदी को नहीं करते हैं पसंद
बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक राजनीति के कुछ विश्लेषक दावा करते हैं कि नरेंद्र मोदी जितने अलोकप्रिय तमिलनाडु में हैं, शायद देश के किसी और राज्य में नहीं होंगे। स्थानीय पत्रकारों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में लिखा गया है कि "गोबैक मोदी" जैसे हैशटैग अप्रेल 2012 में सबसे पहले दिखा था। जब पीएम मोदी राज्य में डिफेंस एक्सपो के उद्घाटन के लिए आए थे और विपक्षी दलों ने कावेरी जल प्रबंधन प्रधिकरण में केंद्र सरकार की कथित देरी के खिलाफ काले झंडे दिखाए थे। इस देरी को कर्नाटक चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा था।
उसके बाद नरेंद्र मोदी ने कई बार तमिलनाडु का दौरा किया है और लगभग हर बार सोशल मीडिया पर मोदी विरोधी ट्रेंड्स देखने को मिले।
बीबीसी रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी का विरोध करने के तमिलनाडु के पास कई वजह हैं, जिनमें निम्म हैं...
-जब तमिलनाडु के किसान दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे थे, तब पीएम मोदी उनसे मिले नहीं थे। - तमिलनाडु के लोगों को लगता है कि पीएम मोदी वहां हिंदी, हिंदू की सोच थोपना चाहते हैं। -पीएम मोदी ने गजा तूफान से प्रभावित लोगों की कथित तौर पर कोई मदद नहीं की।
बीजेपी क्या कहती है इसपर
भारतीय जनता पार्टी प्रवक्ता नारायणन तिरुपति ने बीबीसी से बात करते हुए कहा, पीएम मोदी पर ऐसे आरोप इसलिए लगाए जाते हैं कि क्योंकि नोटबंदी से तमिलनाडु के भ्रष्ट लोगों की हालत खराब हो गई थी।