अजब-गजब: यहां बेटी की शादी में दूल्हे को दहेज में दिए जाते हैं 21 जहरीले सांप!
By विनीत कुमार | Published: November 7, 2020 11:23 AM2020-11-07T11:23:30+5:302020-11-07T12:21:11+5:30
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कुछ आदिवासी समूहों सहित सपेरा बिरादरी में दहेज में दूल्हे को सांप देने की परंपरा रही है। ये परंपरा काफी समय से चली आ रही है। 21 सांपों के इंतजाम के बाद ही बेटी की विदाई होती है।
भारत हजारों प्रकार की संस्कृतियों वाला देश है। कई परंपराएं तो ऐसी भी हैं जिसे देखकर या इस बारे में सुनकर हैरानी होती है। ऐसी ही एक कहानी छत्तीसगढ़ के एक गांव की है, जहां बेटी की शादी के बाद दहेज के रूप में वर पक्ष को जहरीले सांप देने की परंपरा है। जी हां! आपने सही पढ़ा है। यहां शादी में सापों को देने की परंपरा है और ऐसा सदियों से चला आ रहा है।
ये परंपरा छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में गौरिया समुदाय सहित कोर्राम और मंडावी आदिवासियों के बीच निभाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि अगर पिता की ओर से बेटी की शादी में जहरीले सांप वर पक्ष को नहीं दिया गया तो ऐसी शादी ज्यादा दिनों तक नहीं चलती और आगे जाकर कुछ दिनों बाद टूट जाती है।
इसलिए शादी की बात पक्की होते ही पिता 21 सांपों को खोजना शुरू कर देता है। इतने सांप पकड़े जाने के बाद पिता अपनी बेटी को विदा कर देता है।
शादी में क्यों दिए जाते हैं 21 सांप
दरअसल, बेटी को दहेज में 21 सांप देने की परंपरा यहां काफी पुरानी है। अगर बेटी की शादी के समय तक 21 सांपों का इंतजाम नहीं हो पाता है तो तारीख तक फिर बढ़ानी पड़ती है। इन सबके पीछे इनका व्यवसाय है। इस समुदाय का प्रमुख काम सांप पकड़ना है।
इन समुदायों के सांप सांप पकड़ते हैं और फिर इसी के जरिए करतब दिखाकर पैसा कमाते हैं। बेटी के पिता की ओर से दामाद को सांप इस वजह से दिए जाते हैं, ताकि वह भविष्य में आसानी से परिवार का पेट पाल सके। इसके पीछे ये भी कारण है कि लोग मानते हैं कि अगर बेटी की जिंदगी में कभी बुरे दिन आए या मुश्किल आई तो ये सांप उनके काम आएंगे।
गौरिया समुदाय के लोग तो सांप को परिवार का सदस्य मानते हैं। यहां अगर किसी के घर पिटारे में रखा कोई सांप मर जाता है तो पूरा परिवार अपना मुंडन करवाता है। साथ ही पूरे विधि-विधान से उसका अंतिम संस्कार भी किया जाता है। वैसे सांप को दहेज में देने की परंपरा कई और सपेरा बिरादरी में भी है। हालांकि, अब कई जगहों पर सांप पकड़ने को गैरकानूनी बनाए जाने के बाद इसमें बदलाव आने लगे हैं।