UPSC 2021: बिना किसी कोचिंग- स्मार्ट फोन और इंटरनेट से पास किया यूपीएससी अब लड़की संग परिवार कह रहा है 'गलती हो गई', मांग रहा है माफी, जानें पूरा मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 4, 2022 12:20 PM2022-06-04T12:20:23+5:302022-06-04T12:23:27+5:30
UPSC 2021: इस पर बोलते हुए परीक्षा पास करने का दावा करने वाली लड़की के बहन ने कहा, ''हमने यूपीएससी की वेबसाइट पर परिणाम की जांच करने की कोशिश की, लेकिन इंटरनेट काम नहीं कर रहा था। यह अनजाने में हुई गलती थी।''
UPSC 2021:झारखंड के रामगढ़ जिले में रहने वाली दिव्या पांडे का खुशी का कोई ठिकाना नहीं था जब उसे पता चला कि उसने UPSC 2021 की परीक्षा को पहले ही कोशिश में पास कर लिया है। लेकिन यह खुशी ज्यादा देर तक नहीं रही और बाद में दिव्या के साथ उसके परिवार वालों को भी माफी मांगनी पड़ी थी। आपको बता दें कि इसी हफ्ते UPSC 2021 की परीक्षा के रिजल्ट जारी हुए हैं जिसमें टॉप तीन पर लड़कियां का ही इस साल बोलबाला रहा है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, पहली बार में सिविल सेवा परीक्षा पास करने का दावा करने वाली दिव्या पांडे (24) के परिवार ने गलत जानकारी देने के लिये शुक्रवार को जिला प्रशासन और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) से माफी मांगी, जिन्होंने उसे सम्मानित किया था।
इसके अलावा परिवार ने मीडिया से भी माफी मांगी और कहा कि यह ''अनजाने में हुई गलती'' है। आपको बता दें कि दिव्या पांडे (24) की ओर से माफी मांगते हुए उनके परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों ने कहा कि वास्तव में दक्षिण भारत की दिव्या पी परीक्षा में सफल हुई थीं।
अनजाने में हुई गलती- दिव्या पांडे की बड़ी बहन
दिव्या पांडे की बड़ी बहन प्रियदर्शनी पांडे ने कहा कि उनकी बहन को उत्तर प्रदेश में उनके दोस्त ने सूचित किया था कि उन्होंने यूपीएससी में 323वां रैंक हासिल किया है और ''हमने यूपीएससी की वेबसाइट पर परिणाम की जांच करने की कोशिश की, लेकिन इंटरनेट काम नहीं कर रहा था। यह अनजाने में हुई गलती थी।''
बिना किसी कोचिंग, स्मार्ट फोन और इंटरनेट से पास किया UPSC 2021
सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक पीएम प्रसाद और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने बिना किसी कोचिंग के स्मार्ट फोन और इंटरनेट की मदद से पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास करने के परिवार के दावों के बाद दिव्या पांडे के पिता को सम्मानित किया, जो सीसीएल के सेवानिवृत क्रेन ऑपरेटर हैं।
इन दावों की मीडिया में खूब चर्चा हुई। अपने कार्यालय में दिव्या पांडे को सम्मानित करने वाली रामगढ़ की उपायुक्त माधवी मिश्रा ने इसे ''मानवीय गलती'' करार दिया है।
फर्जी खबर फैलाने का कोई ईरादा नहीं था
परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि फर्जी खबर फैलाने या झूठे दावे करने का उनका कोई इरादा नहीं था। उन्होंने कहा कि सच्चाई का पता लगाने के बाद दिव्या दिल्ली के लिए रवाना हो गई है। गौरतलब है कि दिव्या झारखंड के रामगढ़ जिले के चित्तरपुर ब्लॉक के अंतर्गत रजरप्पा कॉलोनी की रहने वाली है।