जामिया हिंसा को 'जलियांवाला बाग' जैसा बताकर उद्धव ठाकरे सोशल मीडिया पर घिरे, लोगों ने कहा- 'अब तो दिमाग लगाकर बोलिए...'
By पल्लवी कुमारी | Updated: December 18, 2019 13:20 IST2019-12-17T16:10:19+5:302019-12-18T13:20:11+5:30
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 12 दिसंबर को नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसके बाद यह एक कानून बन गया है। इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी।

जामिया हिंसा को 'जलियांवाला बाग' जैसा बताकर उद्धव ठाकरे सोशल मीडिया पर घिरे, लोगों ने कहा- 'अब तो दिमाग लगाकर बोलिए...'
दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस कार्रवाई और विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है। जामिया हिंसा पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने कहा है कि जामिया मिलिया इस्लामिया में जो हुआ, वह जलियांवाला बाग जैसा है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि युवाओं में बम जैसी ताकत होती है, उन्हें मत भड़काएं। हम केंद्र सरकार से अनुरोध करते हैं कि वे छात्रों के साथ ऐसा कोई काम नहीं करे। प्रदर्शन का समर्थन नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी करते नजर आए। उद्धव ठाकरे अपने इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गए हैं। उद्धव ठाकरे को इस बयान के लिए ट्रोल किया जा रहा है। लोग कह रहे है कि उद्धव ठाकरे ने जलियांवाला बाग त्रादसी में शहीद भारतीयों का अपमान किया है।
पत्रकार स्मिता प्रकाश ने लिखा है, कैप्टन अमरिंदर सिंह ( पंजाब के सीएम) प्लीज माननीय सीएम को अमृतसर आमंत्रित कीजिए और उन्हें उसे जलियांवाला बाग ले जाएं और उससे जुड़े इतिहास के बारे में उनको बताएं।
Capt Amrinder, pleej invite the honourable CM to Amritsar. Take him to Jallianwala Bagh and give him a much needed history lesson. TIA. https://t.co/3MPB3D57gT
— Smita Prakash (@smitaprakash) December 17, 2019
कई यूजर हैशटैग "Jallianwala Bagh" के साथ उद्धव ठाकरे की आलोचना कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, उद्धव ठाकरे जी आप सीएम हैं, अब आपको दिमाग का सहारा लेकर बोलना चाहिए।
#UddhavThackeray ji, now you are CM. Speak after applying your mind. Jallianwala Bagh?? What have you used to compare #JamiaProtests. Not good start. https://t.co/reli3CCks2
— Ranjeet Kumaar (@ranjeetspecial) December 17, 2019
एक यूजर ने लिखा, दिल्ली के विरोध का जलियांवाला बाग हत्याकांड से तुलना करना शहीदों और भारतीय लोकतंत्र का अपमान है।
Equating the Delhi protests to Jallianwala Bagh massacre is an insult to martyrs and to Indian democracy @PMuralidharRao of @BJP4India@IndianExpress
— Liz Mathew (@MathewLiz) December 17, 2019
देखें लोगों की प्रतिक्रिया
Shame on him ,he is compairing Jallianwala bagh to this terriost activities by so called students ..Shame . Police has done nothing wrong it those goons who destroy public properties and plented stones ,cime yo drlhi and see the reality .@AUThackeray@Dev_Fadnavis@BJP4India
— Raminder (@Raminder0074) December 17, 2019
@ndtv. Jamia differed from Jallianwala bagh
— Deepak Bhandarkar (@DeepakBhandark5) December 17, 2019
Jamia was violent , JB was not
Jamia opposed CAB Which refers to people of foreign countries , JB was in protest for driving out foreign rulers
Jamia is against democracy , JB was for freedom
Nepotism has not helped anyone or any cause. The latest in the line that proves 'when sons are chosen over merit, they are an utter disaster'https://t.co/kIpY1zYkOZ
— Aparajita Tripathi (@ArbitZeta) December 17, 2019
“.@OfficeofUT ‘s statement equating Sunday’s events in #JamiaMilliaIslamiaUniversity to Jallianwala Bagh massacre is an insult to the martyrs who were killed in Jallianwala Bagh”- @BJP4India gen secy @PMuralidharRao
— Nistula Hebbar (@nistula) December 17, 2019
जलियांवाला बाग का इतिहास
अमृतसर के जलियांवाला बाग में बैसाखी के दौरान 13 अप्रैल 1919 को यह नरसंहार हुआ था जब ब्रिटिश भारतीय फौज के सैनिकों ने कर्नल रेगीनाल्ड डायर की कमान में वहां स्वतंत्रता की मांग के लिए जुटे लोगों पर गोलियां चलवा दी थी। इस जनसंहार में कई लोग मारे गए थे जबकि कई घायल हो गए थे।
जामिया हिंसा मामले में 10 गिरफ्तार, कोई छात्र शामिल नहीं
दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के पास हुई हिंसा में कथित तौर पर शामिल आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि आरोपियों को सोमवार की रात गिरफ्तार किया गया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक गिरफ्तार किए गए लोगों में कोई भी छात्र नहीं है। विश्वविद्यालय रविवार को उस वक्त जंग के मैदान में तब्दील हो गया था जब पुलिस परिसर में घुस आई थी और वहां बल प्रयोग किया था। दरअसल, संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा और आगजनी हुई थी जिसमें चार डीटीसी बसों, 100 निजी वाहनों और 10 पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया जिसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की।