VIDEO: हॉकी टीम के सेमीफाइनल में पहुंचने की खुशी से छलक उठीं कमेंटेटर्स की आंखें, रुंधे गले और नम आंखों से बताया- जीत गए हैं हम

By अभिषेक पारीक | Published: August 1, 2021 10:26 PM2021-08-01T22:26:51+5:302021-08-01T22:38:32+5:30

भारतीय हॉकी की जीत की खबर सुनाते वक्त कमेंटेटर्स भी अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सके और उनकी आंखों में खुशी से आंसू छलछला उठे।

Tokyo Olympics: Commentators with tears of joy when indian hockey team reached in semifinal | VIDEO: हॉकी टीम के सेमीफाइनल में पहुंचने की खुशी से छलक उठीं कमेंटेटर्स की आंखें, रुंधे गले और नम आंखों से बताया- जीत गए हैं हम

फोटोः वीडियो ग्रैब

Highlightsटोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी की टीम चार दशक के बाद सेमीफाइनल में पहुंची है। भारतीय हॉकी की जीत की खबर सुनाते वक्त कमेंटेटर्स भी अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सके। सुनील तनेजा और सिद्धार्थ पांडेय की आंखें जीत की खबर सुनाते वक्त खुशी से छलछला उठीं। 

टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी की टीम चार दशक के बाद सेमीफाइनल में पहुंची है। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ब्रिटेन को क्वार्टर फाइनल मुकाबले में 3-1 से हरा दिया। यह लम्हा लंबे इंतजार के बाद आया है। शायद यही कारण था कि भारतीय हॉकी की जीत की खबर सुनाते वक्त कमेंटेटर्स भी अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सके और उनकी आंखों में खुशी से आंसू छलछला उठे।

देश में ओलंपिक खेलों का प्रसारण सोनी नेटवर्क के जिम्मे है। हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में लाइव कमेंट्री की जाती है। ब्रिटेन के साथ भारत के हॉकी मैच की हिंदी कमेंट्री सुनील तनेजा संभाल रहे थे। वहीं उनका साथ देने के लिए सिद्धार्थ पांडेय भी मौजूद थे।

... और रो पड़े कमेंटेटर्स

खेलों में कमेंट्री की बात आती है तो सबसे पहले सुनील तनेजा का ही नाम आता है। उन्हें भारतीय खेलों की आवाज भी कहा जाता है। जैसे ही 3-1 के स्कोर पर फाइनल सीटी बजी। दोनों ही कमेंटेटर्स अपने आंसूं नहीं रोक सके। चार दशक बाद ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के सेमीफाइनल में पहुंचने की खबर सुनाते-सुनाते दोनों ही रो पड़े। रुंधे गले से जीत की खबर शायद ही किसी ने पहले सुनी होगी, लेकिन यह दोनों के हॉकी के लिए अद्भुत प्रेम को दर्शाती है। आंखों में आंसुओं का समंदर के बाद भी दोनों कमेंट्री करते रहे। 

भारत की ऐतिहासिक जीत

बता दें कि पुरुष हॉकी टीम ने रविवार को क्वार्टर फाइनल मुकाबले में ब्रिटेन को 3-1 से हरा कर इतिहास रच दिया। टीम इंडिया चार दशक के बाद सालों के बाद ओलंपिक हॉकी के सेमीफाइनल में पहुंचने में कामयाब रही है। भारत ने ओलंपिक में आखिरी पदक मास्को ओलंपिक 1980 में स्वर्ण पदक के रूप में जीता था लेकिन तब केवल छह टीमों ने भाग लिया था और राउंड रोबिन आधार पर शीर्ष पर रहने वाली दो टीमों के बीच स्वर्ण पदक का मुकाबला हुआ था। इस तरह से भारत ने 1972 में म्यूनिख ओलंपिक के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची है। 

 

Web Title: Tokyo Olympics: Commentators with tears of joy when indian hockey team reached in semifinal

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