'जो श्री राम का नहीं है, वो मेरे किसी काम का नहीं है', कांग्रेस के साथ आने पर 21 सालों से शिवसेना के साथ जुड़े कार्यकर्ता ने छोड़ी पार्टी
By पल्लवी कुमारी | Updated: November 27, 2019 17:04 IST2019-11-27T17:04:33+5:302019-11-27T17:04:33+5:30
उद्धव ठाकरे दादर में शिवाजी पार्क में 28 नवंबर को शाम छह बजकर 40 मिनट पर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। गठबंधन के नेताओं ने राज्यपाल को 166 विधायकों के समर्थन वाला एक पत्र सौंपा।

तस्वीर स्त्रोत- रमेश सोलंकी ट्विटर
शिवसेना का कांग्रेस और एनसीपी के साथ हाथ मिलाना उसके एक कार्यकर्ता को रास नहीं आया और उसने मंगलवार (26 नवंबर) की रात को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। रमेश सोलंकी नामक कार्यकर्ता ने पार्टी से इस्तीफे की घोषणा अपने अधिकारिक ट्विटर प्रोफाइल से की। उन्होंने मंगलवार की रात एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उनके सारे ट्वीट को देखखर यही लगता है कि वह कांग्रेस, एनसीपी के साथ शिवसेना के जुड़ने से काफी दुखी हैं। उनका एक ट्वीट जो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने लिखा है- " जो मेरे श्री राम का नहीं है, वो मेरे किसी काम का नहीं है "
Since last few days people are asking my stand
— Ramesh Solanki (@Rajput_Ramesh) November 26, 2019
Let me be very loud and clear
" जो मेरे श्री राम का नहीं है ( Congress )
वो मेरे किसी काम का नहीं है "
I once again thank Adibhai for giving me love and respect, it was wonderful experience working with you #JaiSriRampic.twitter.com/v9n8IssWzP
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि वह शिवसेना के बीवीएस/युवा सेना के पद से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी अंतरात्मा और विचारधारा कांग्रेस के साथ काम करने की अनुमति नहीं देती है।
It all started for me in the year 1992, fearless leadership and charisma of Shri BalaSaheb Thackeray
— Ramesh Solanki (@Rajput_Ramesh) November 26, 2019
At the age of 12 I had made up my mind heart and soul to work for BalaSaheb's ShivSena
Officially joined ShivSena in the year 1998
उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, यह सब मेरे लिए वर्ष 1992 में शुरू हुआ, निर्भीक नेतृत्व और श्री बालासाहेब ठाकरे का करिश्मा था। 12 साल की उम्र में मैंने बालासाहेब की शिवसेना के लिए काम करने के लिए अपना दिल और आत्मा बना लिया था। आधिकारिक रूप से वर्ष 1998 में शिवसेना में शामिल हुआ था।
Its been almost 21 years never demanded post, position, or ticket just gave my all in day and night followed my party's order till the hilt
— Ramesh Solanki (@Rajput_Ramesh) November 26, 2019
ShivSena made a political decision and joined hands with @INCIndia and @NCPspeaks to form govt in Maharashtra
उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, शिवसेना के साथ काम करते हुए लगभग 21 साल हो गए हैं, पद, या टिकट की कभी भी मांग नहीं की, बस दिन हो या रात में मैंनें मेरी पार्टी के आदेश का पालन किया है।
देखें शिवसेना के पूर्व रमेश सोलंकी के एक और ट्वीट
Congratulations and all the best for forming govt in Maharashtra and having ShivSena CM
— Ramesh Solanki (@Rajput_Ramesh) November 26, 2019
But my conscious and ideology doesnt permit me to work with Congress, I cant work half heartedly and it wont be fair to my post, my party my fellow ShivSainiks and my leaders
So with a heavy heart I am making most difficult decision of my life, I am resigning from @ShivSena 😔
— Ramesh Solanki (@Rajput_Ramesh) November 26, 2019
All ShivSainiks are n will always be my brothers and sisters, its a special bonding which blossomed during this 21 years
I will always remain Balasaheb's ShivSainik at heart
There is a proverb "जब जहाज डूबता है सबसे पहले चूहे कूदकर भागते हैं"
— Ramesh Solanki (@Rajput_Ramesh) November 26, 2019
But I am leaving on a winning note
I am leaving when ShivSena is in strong postion I am leaving when ShivSena is forming govt in Maharashtra
I am walking out as proud ShivSainik for my ideology n principles
23 नवंबर को देवेंद्र फड़नवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 26 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देवेंद्र फड़नवीस और अजित पवार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। देवेंद्र फड़नवीस ने इस्तीफे से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि अजित पवार ने अपना समर्थन वापस ले लिया है, जिसके बाद बीजेपी के पास विधायकों का समर्थन नहीं है।
उद्धव ठाकरे दादर में शिवाजी पार्क में 28 नवंबर को शाम छह बजकर 40 मिनट पर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। गठबंधन के नेताओं ने राज्यपाल को 166 विधायकों के समर्थन वाला एक पत्र सौंपा। राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे को संबोधित एक पत्र में उनसे विधानसभा में बहुमत के समर्थन वाली एक ‘‘सूची’’ तीन दिसंबर तक सौंपने के लिए कहा है।