नई दिल्ली: हिमालय की पहाड़ियों में मौजूद माउंट एवरेस्ट दुनिया की सबसे ऊंची चोटी है। इसकी ऊंचाई 8848 मीटर है। वैसे आपको जानकर हैरानी होगी कि इस धरती पर कभी ऐसी पहाड़ी श्रृंखलाएं भी थी जो पूरे महाद्वीप पर फैली हुई थीं। हिमालय से काफी बड़ी ये पहाड़ी श्रृंखलाओं का हमारे ग्रह के विकास में अहम योगदान है। शोधकर्ताओं को धरती के कालखंड में इन सुपरमाउंटेन के निर्माण को लेकर अहम जानकारियां हाथ लगी हैं।
8000 किलोमीटर तक फैले थे ये 'सुपरमाउंटेन'
शोधकर्ताओं के अनुसार ये पहाड़ी श्रृंखलाएं करीब 8000 किलोमीटर की दूरी तक फैली हुई थीं। ये मौजूदा हिमालयन रेंज (2300 किलोमीटर) का चार गुणा है। यही नहीं पृथ्वी के इतिहास में इनका दो बार निर्माण हुआ। पहली बार इसका निर्माण दो हजार से 1800 करोड़ साल पहले हुआ। वहीं दूसरी बार इसका निर्माण 65 से 50 करोड़ साल पहले हुआ था। शोधकर्ताओं का मानना है कि सुपरमाउंटेन के इन दो निर्माण और पृथ्वी में विकास में अहम संबंध हैं।
'अर्थ एंड प्लैनेटरी साइंस लेटर्स' नाम के जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी में कहा गया है कि शोधकर्ताओं ने कम ल्यूटेटियम के साथ जिक्रोन का इस्तेमाल कर इन निर्माण की पहचान की। यह एक तरह से खनिज और पृथ्वी के दुर्लभ तत्वों का संयोजन है जो केवल ऊंचे पहाड़ों की जड़ों में पाया जाता है, जहां उनका निर्माण बेहद गहन दबाव में होता हैं।
क्या है सुपरमाउंटेन की कहानी
शोधकर्ताओं का कहना है कि सुपरमाउंटेन के निर्माण की दो घटनाओं के बीच किसी भी स्तर पर अन्य सुपरमाउंटेन के बनने का कोई सबूत नहीं मिला है। ऐसे में ये घटनाएं ज्यादा अहम हो जाती हैं। ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी में पीएचडी उम्मीदवार और पेपर के प्रमुख लेखक जियि झू (Ziyi Zhu) ने कहा, 'आज इन दो सुपरमाउंट्स जैसा कुछ नहीं है। यह सिर्फ उनकी ऊंचाई नहीं है - यदि आप कल्पना करें कि 2400 किमी लंबे हिमालय को तीन या चार बार दोहराया गया है, तो आपको इसके विशाल पैमाने का अंदाजा हो जाएगा।।'
पहले सुपरमाउंट को नूना सुपरमाउंट (Nuna Supermountain) कहा जा रहा है। इसके निर्माण का साल यूकारियोट्स (eukaryotes, ऑरगेनिज्मस या जीव) की उपस्थिति के साथ मेल खाता है, जिनकी बदौलत बाद में पौधे और जानवरों आए। वहीं, दूसरा सुपरमाउंटेन जो लगभग 650 और 500 मिलियन वर्ष पहले विकसित हुआ था, उसका नाम ट्रांसगोंडवान सुपरमाउंट (Transgondwanan Supermountain) है, जो धरती पर आए पहले बड़े जानवरों की उपस्थिति और 45 मिलियन वर्ष बाद कैम्ब्रियन एक्सप्लोजन के साथ मेल खाता है जब अधिकांश पशु समूह जीवाश्म रिकॉर्ड में नजर आते हैं।