Uttarkashi tunnel collapse: भारतीय सेना मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू करेगी, हैदराबाद से प्लाज्मा कटर भी मंगाया गया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 26, 2023 11:18 AM2023-11-26T11:18:49+5:302023-11-26T11:19:56+5:30

सिलक्यारा में धंसी निर्माणाधीन सुरंग में ‘ड्रिल’ करने में इस्तेमाल की जा रही ऑगर मशीन के ब्लेड शुक्रवार रात मलबे में फंस गए थे, जिसके बाद अधिकारियों को अन्य विकल्पों पर विचार करना पड़ा जिससे बचाव कार्य में कई दिन या कई सप्ताह और लगने की संभावना है।

Uttarkashi tunnel collapse Indian Army will start manual drilling, plasma cutter ordered from Hyderabad | Uttarkashi tunnel collapse: भारतीय सेना मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू करेगी, हैदराबाद से प्लाज्मा कटर भी मंगाया गया

(फाइल फोटो)

Highlightsऑगर मशीन के ब्लेड शुक्रवार रात मलबे में फंस गए थेअधिकारियों को अन्य विकल्पों पर विचार करना पड़ा भारतीय सेना मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू करेगी

Uttarkashi tunnel collapse: उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में पिछले 14 दिन से फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए जारी बचाव अभियान में इस्तेमाल की रही ऑगर मशीन के मलबे में फंसे हिस्सों को काटकर हटाने के लिए हैदराबाद से हवाई मार्ग के जरिए एक प्लाज्मा मशीन मंगाई गई है। बचाव कार्य को आगे बढ़ाने के लिए मशीन को पूरी तरह से हटाना आवश्यक है।

श्रमिकों को बाहर निकालने का मार्ग तैयार करने के लिए मलबे में हाथ से ड्रिलिंग के जरिए पाइप डालने होंगे। इसके अलावा लंबवत ड्रिलिंग के लिए पहाड़ी की चोटी पर सुरंग के ऊपर एक ड्रिल मशीन भेजी गई है। भारतीय सेना की ‘कोर ऑफ इंजीनियर्स’ के समूह ‘मद्रास सैपर्स’ की एक इकाई बचाव कार्यों में सहायता के लिए रविवार को घटनास्थल पहुंची।

सिलक्यारा में धंसी निर्माणाधीन सुरंग में ‘ड्रिल’ करने में इस्तेमाल की जा रही ऑगर मशीन के ब्लेड शुक्रवार रात मलबे में फंस गए थे, जिसके बाद अधिकारियों को अन्य विकल्पों पर विचार करना पड़ा जिससे बचाव कार्य में कई दिन या कई सप्ताह और लगने की संभावना है।

बहु-एजेंसियों के बचाव अभियान के 14वें दिन अधिकारियों ने दो विकल्पों पर ध्यान केंद्रित किया - मलबे के शेष 10 या 12 मीटर हिस्से में हाथ से ‘ड्रिलिंग’ या ऊपर की ओर से 86 मीटर नीचे ‘ड्रिलिंग’। चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिससे इसमें काम कर रहे 41 श्रमिक फंस गए थे। तब से विभिन्न एजेंसियां उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रही हैं। श्रमिकों को छह इंच चौड़े पाइप के जरिए खाना, दवाइयां और अन्य जरूरी चीजें भेजी जा रही हैं। 

इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी टनकपुर निवासी श्रमिक पुष्कर सिंह ऐरी के परिवार से मुलाकात करने उनके घर पहुंचे। वहां उन्होंने परिवार को लोगों को साहस दिया।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान पर कहा, "हैदराबाद से जो प्लाज़्मा मशीन लाई गई है, उसने काम करना शुरू कर दिया है।  कटाई तेजी से चल रही है। अब कुल 14 मीटर की दूरी शेष बची हुई है जो अगले कुछ घंटों में पूरी कर ली जाएगी। उसके बाद मैन्युअल ड्रिलिंग का काम शुरू होगा।"

Web Title: Uttarkashi tunnel collapse Indian Army will start manual drilling, plasma cutter ordered from Hyderabad

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