कब्र से निकालकर वर्कर की दफनाई हुई लाश को देगी रूस सरकार; परिवार वालों की अपील पर जोधपुर कोर्ट ने भी मांगी थी डेड बॉडी

By आजाद खान | Published: January 13, 2022 12:19 PM2022-01-13T12:19:14+5:302022-01-13T12:24:25+5:30

परिवार वालों ने रूस सरकार द्वारा लाश नहीं मिलने पर अनशन करने की भी धमकी दी थी।

russian govt agrees handover dead body worker Hitendra Garasiya grave on demand of family and jodhpur court | कब्र से निकालकर वर्कर की दफनाई हुई लाश को देगी रूस सरकार; परिवार वालों की अपील पर जोधपुर कोर्ट ने भी मांगी थी डेड बॉडी

कब्र से निकालकर वर्कर की दफनाई हुई लाश को देगी रूस सरकार; परिवार वालों की अपील पर जोधपुर कोर्ट ने भी मांगी थी डेड बॉडी

Highlightsरूस सरकार वहां पर दफनाए गए हितेंद्र की लाश को कब्र से निकालकर देने के लिए तैयार हो गई है। हितेंद्र की मृत्यु के बाद उसके परिवार वालों ने उसकी लाश को भारत मंगवाने की मांग की थी। इस मामले में परिवार वालों ने पीएम मोदी से भी गुहार लगाई थी।

जोधपुर: रूस की सरकार ने मॉस्को में दफनाए गए राजस्थान के एक व्यक्ति हितेंद्र गरासिया के शव को कब्र से निकाल कर सौंपने को राजी हो गई है। बता दें कि हितेंद्र एक वर्क वीजा पर मॉस्को गए थे और वहां एक पार्क में मृत पाए गए थे। इसके बाद रूस सरकार ने हितेंद्र के शव को वहीं दफना दिया था और उसके परिवार को उसकी मौत की खबर दे दी थी। परिवार वालों ने हितेंद्र के मौत पर एतराज जताया था और उसकी लाश को भारत लाने के लिए बोला था। परिवार ने यह भी धमकी दी थी कि अगर 16 जनवरी तक उसकी लाश नहीं आई तो वे अनशन भी करेंगे। इसके बाद कोर्ट ने भी रूस सरकार को कहा था कि वे हितेंद्र के लाश को लौटा दें। इस मामले में बुधवार को जोधपुर की एक अदालत को यह सूचित किया गया है कि रूस सरकार ने हितेंद्र की लाश को कब्र से निकाल कर देने के लिए तैयार हो गई है। 

इस कारणों से लाश लाने में हो रही दिक्कतें

न्यायमूर्ति दिनेश मेहता ने निर्देश दिए कि रूसी सरकार से शव मिलने के बाद केंद्र और राजस्थान सरकार इस बारे में प्रबंध करेगी कि जल्द से जल्द शव परिजनों के पास उदयपुर के गोदवा गांव पहुंचा दिया जाए। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल आर डी रस्तोगी ने भारतीय दूतावास को प्राप्त हुए रूसी सरकार के पत्राचार का हवाला देते हुए अदालत को बताया कि रूस में शीतकालीन अवकाश के कारण शव अधिकृत प्रधिकारी को नहीं सौंपा जा सका है। 

परिवार ने अनशन पर भी बैठने की धमकी दी थी

गरासिया पिछले साल जुलाई में मास्को में एक पार्क में मृत पाये गए थे। चूंकि, रूसी सरकार ने शव को वहीं दफनाने का फैसला किया था, ऐसे में मृतक के परिवार के सदस्यों ने अंतिम संस्कार के लिए शव को भारत लाने की व्यवस्था करने के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय से गुहार लगाई थी। परिवार वालों ने हितेंद्र की लाश को रूस से मंगवाने के लिए पीएम मोदी को भी लिखा था। 
 

Web Title: russian govt agrees handover dead body worker Hitendra Garasiya grave on demand of family and jodhpur court

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