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'बुर्के में न भागती तो ''खान टाइगर'' की बेगम बन जाती', CAB पर सांसद रूपा गांगुली ने सुनाई आपबीती, कहा- '7वीं में पढ़ती थी जब...'

By पल्लवी कुमारी | Updated: December 13, 2019 11:32 IST

नागरिकता संशोधन विधेयक के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी। 

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ठळक मुद्देनागरिकता (संशोधन) विधेयक बुधवार को राज्यसभा द्वारा और सोमवार को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसके बाद यह एक कानून बन गया है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसके बाद यह एक कानून बन गया है। नागिरकता संशोधन बिल पर हर कोई अपने पक्ष और विपक्ष में विचार रख रहा है। इसी बीच बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद रूपा गांगुली ने ट्वीट कर अपनी आपबीती बताई है। रूपा गांगुली ने ट्वीट कर लिखा, ''काश मैं कह पाती, मैंने खुद क्या झेला है। मैं तो 'खान tiger' की बेगम बन जाती। किडनैप करने आये थे मुझे, अगर उस रात मैं और मेरी मां बुर्के में भाग नहीं पाती दिनाजपुर से। कक्षा सातंवीं में पढ़ती थी। अमित शाह जी आपको क्या बताऊं मंत्री जी आपको और पीएम नरेंद्र मोदी को आज कितने लोग आशीर्वाद दे रहे हैं।'' रूपा गांगुली राजनीति में आने से पहले अभिनेत्री और गायिका थीं।

सांसद रूपा गांगुली का ये ट्वीट वायरल हो गया है। ट्वीट पर 8.7 हजार रिट्वीट है और 28 हजार लाइक्स है। सांसद रूपा गांगुली ने यह ट्वीट गृह मंत्री अमित शाह के सदन में बिल पर अपने विचार रखने वाले वीडियो को शेयर करते हुए लिखा। अमित शाह के ट्वीट में लिखा है, ''मुझे समझ नहीं आता, चाहे सर्जिकल स्ट्राइक हो या एयर स्ट्राइक,चाहे 370 हो या #CAB2019,कांग्रेस पार्टी और पाकिस्तान के बयान हमेशा एक समान कैसे होते हैं।''

नागरिकता संशोधन विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद कानून बन गया है

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसके बाद यह एक कानून बन गया है। एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार गुरुवार को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने के साथ ही यह कानून लागू हो गया है।

जानें क्या है नागरिकता संशोधन विधेयक

इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी। 

नागरिकता (संशोधन) विधेयक बुधवार को राज्यसभा द्वारा और सोमवार को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था। कानून के मुताबिक इन छह समुदायों के शरणार्थियों को पांच साल तक भारत में रहने के बाद भारत की नागरिकता दी जाएगी। अभी तक यह समयसीमा 11 साल की थी। कानून के मुताबिक ऐसे शरणार्थियों को गैर-कानून प्रवासी के रूप में पाए जाने पर लगाए गए मुकदमों से भी माफी दी जाएगी। 

टॅग्स :नागरिकता संशोधन बिल 2019भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)अमित शाह
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