गांव लौटीं, सरपंच का चुनाव लड़ा और जीत गईं, 21 साल की यशोधरा शिंदे को बनाना था डॉक्टर, पिता से कहने पर जॉर्जिया से लौटी और बाजी मारी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 21, 2022 06:46 PM2022-12-21T18:46:14+5:302022-12-21T18:47:57+5:30
पुणेः यशोधरा शिंदे ने कहा कि वह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना चाहती हैं, छात्रों के लिए ई-लर्निंग और अन्य शिक्षा साधन पेश करने के साथ ही बच्चों को अच्छी स्वास्थ्य आदतें अपनाने में मदद करना चाहती हैं, युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने और गांव में किसान समुदाय के कल्याण में योगदान देना चाहती हैं।
पुणेः यशोधरा शिंदे (21) डॉक्टर बनना चाहती थीं और जॉर्जिया में मेडिकल की पढ़ाई भी कर रही थीं। लेकिन, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था क्योंकि वह महाराष्ट्र में अपने गांव लौटीं और सरपंच का चुनाव लड़ा और जीत गईं। यशोधरा अब सांगली जिले की मिराज तहसील स्थित अपने गांव वड्डी की बेहतरी के लिए काम करने और ऑनलाइन माध्यम के जरिए अपनी पढ़ाई पूरी करने की योजना बना रही हैं।
यशोधरा शिंदे ने कहा कि वह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना चाहती हैं, छात्रों के लिए ई-लर्निंग और अन्य शिक्षा साधन पेश करने के साथ ही बच्चों को अच्छी स्वास्थ्य आदतें अपनाने में मदद करना चाहती हैं, युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने और गांव में किसान समुदाय के कल्याण में योगदान देना चाहती हैं।
यशोधरा ने कहा, ‘‘ मैं जॉर्जिया में न्यू विजन यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हूं। अभी मैं चौथे वर्ष में हूं और डेढ़ साल की पढ़ायी अभी बाकी है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जब मेरे गांव में चुनाव की घोषणा हुई तो स्थानीय लोग चाहते थे कि हमारे परिवार से कोई सरपंच पद के लिए चुनाव लड़े। मुझे इस पद के लिए चुनावी मैदान में उतारने का निर्णय लिया गया।
परिवार का फोन आया और मैं वापस लौटी, चुनाव लड़ा और जीत गयी। ’’ महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में 7,682 ग्राम पंचायतों के लिए 18 दिसंबर को मतदान हुआ था। इसके परिणाम मंगलवार को घोषित किए गए थे। गांव के विकास के लिए सरपंच के रूप में उनकी योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर, यशोधरा शिंदे ने कहा कि उनका मुख्य ध्यान महिलाओं के मुद्दों को हल करना और उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करना होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा विचार है कि महिलाओं को यह दिखाने का समान अवसर मिलना चाहिए कि वे क्या करने में सक्षम हैं और मैं उन्हें शिक्षित और स्वतंत्र बनाना चाहती हूं ताकि वे पुरुषों पर निर्भर नहीं हों।’’ उनकी प्राथमिकता सूची में बच्चों का कल्याण और उनकी शिक्षा भी शामिल है।
शिंदे ने कहा, ‘‘मैं उन्हें ई-लर्निंग और नवीनतम शिक्षण के बारे में बताना चाहूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं गांव में शौचालयों के निर्माण की दिशा में भी काम करना चाहती हूं और लड़कियों और महिलाओं के लिए सैनिटरी नैपकिन की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करना चाहती हूं। साथ ही बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य आदतें अपनाने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘गांव में 70 से 80 फीसदी आबादी कृषि क्षेत्र में संलग्न है और मैं उनके सतत विकास के लिए काम करना चाहूंगी।’’ मेडिकल की पढ़ायी के बारे में पूछे जाने पर कि वह इसे कैसे आगे बढ़ाएंगी, यशोधरा शिंदे ने कहा कि वह अपनी शिक्षा ऑनलाइन पूरी करेंगी और उनके दोस्त भी पढ़ाई में उनकी मदद करेंगे।