दिल्ली उच्च न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया मामले में मंगलवार (20 अगस्त) को कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया और इसके साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री गहरे कानूनी संकट में घिरते दिखे और उन पर गिरफ्तारी का खतरा मंडराने लगा। अग्रिम जमानत की याचिका खारिज होने के बाद सीबीआई अधिकारी पूर्व वित्तमंत्री पी.चिदंबरम के दिल्ली स्थित आवास पहुंचे, लेकिन वहां उनसे मुलाकात नहीं होने पर अधिकारियों ने नोटिस जारी कर उन्हें दो घंटे में पेश होने का निर्देश दिया। लेकिन सीबीआई के नोटिस के बाद भी पी चिदंबरम पेश नहीं हुये हैं। जिसके बाद बुधवार की सुबह से ही ट्विटर पर #ChidambaramMissing ट्रेंड कर रहा है।
#ChidambaramMissing ट्रेंड के साथ लोग पी चिदंबरम को कह रहे हैं कि 'जैसा बोओगे ,वैसा काटोगे'। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर ये भी कह रहे हैं कि गृह मंत्री अमित शाह होंगे तो ऐसा ही होगा।
अदालत ने पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि आईएनएक्स मीडिया से जुड़े धनशोधन मामले में वह ‘‘सरगना और प्रमुख षड्यंत्रकारी" प्रतीत हो रहे हैं। अदालत ने कहा कि प्रभावी जांच के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ करने की आवश्यकता है। अदालत ने कहा कि आईएनएक्स मीडिया घोटाला ‘‘धनशोधन का बेहतरीन उदाहरण’’ है। अदालत ने कहा कि अपराध की गंभीरता और अदालत से मिली राहत के दौरान पूछताछ में स्पष्ट जवाब नहीं दिया जाना दो आधार हैं जिनके कारण उन्हें अग्रिम जमानत नहीं दी जा रही।
उच्च न्यायालय ने 25 जुलाई, 2018 को चिदंबरम को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान की थी जिसे समय-समय पर बढ़ाया गया था। अदालत ने कहा कि प्रभावी जांच के लिए चिदंबरम से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है। अदालत ने कहा "क्योंकि वह सांसद हैं, इसलिए उन्हें गिरफ्तारी से पहले जमानत देने का कोई औचित्य नहीं होगा।" चिदंबरम राज्यसभा सदस्य हैं। उच्च न्यायालय के आदेश के कुछ कुछ घंटों बाद, सीबीआई की एक टीम चिदंबरम के घर पॉश जोरबाग इलाके में गयी लेकिन उनके घर पर नहीं मिलने के बाद टीम लौट गयी।
जानें क्या है पूरा मामला
सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की और आरोप लगाया था कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए मीडिया समूह को दी गई विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) मंजूरी में अनियमितताएं हुयीं इसके बाद, ईडी ने 2018 में इस संबंध में धनशोधन का मामला दर्ज किया। अदालत ने सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिकाओं पर 25 जनवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने मामले में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। अदालत के आदेश के बाद चिदंबरम ने चुप्पी साधे रखी और मीडिया से दूर रहे। चिदंबरम ने वरिष्ठ वकीलों कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और सलमान खुर्शीद से मशविरा किया।