लहसुन-प्याज पर भी लगे पाबंदी, मेयर मुकेश सूर्यान के मीट दुकानों पर लगाए रोक पर भड़के यूजर्स, कहा- मैं हिंदू लेकिन...
By अनिल शर्मा | Published: April 5, 2022 01:18 PM2022-04-05T13:18:54+5:302022-04-05T14:40:37+5:30
दक्षिणी दिल्ली के महापौर (मेयर) मुकेश सूर्यान ने एक आदेश के जरिए इलाके में नवरात्र के मद्देनजर मीट की दुकानों पर पाबंदी लगा दी है। सूर्यान के इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर काफी बहस छिड़ी हुई है।
नई दिल्लीः दक्षिणी दिल्ली के महापौर मुकेश सूर्यान के नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों पर लगाए गए पाबंदी को लेकर सोशल मीडिया पर लोग नाराजगी जता रहे हैं। मुकेश सूर्यान ने 4 अप्रैल को जारी आदेश में कहा कि ‘नवरात्रि के दिनों में लोग मंदिरों में जाते हैं। दिल्ली के 99 प्रतिशत लोग अपने घर में प्याज और लहसुन का उपयोग तक नहीं करते। मंदिरों के पास मीट की बिक्री उन्हें असहज करती है। लोग नवरात्रि के दौरान माता की पूजा करने के लिए मंदिर जाते हैं और जब रास्ते में मीट की दुकानों के सामने से गुजरते हैं तो उन्हें मांस की दुर्गंध का सामना करना पड़ता है, इससे उनकी धार्मिक आस्था प्रभावित होती है।’
मुकेश सूर्यान के इस आदेश के बाद सोशल मीडिया पर इसको लेकर प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया। कइयों ने सूर्यान के उस तर्क पर भी सवाल खड़े किए जिसमें उन्होंने कहा कि 99 प्रतिशत लोग लहसून और प्याज तक नहीं खाते। यूजर्स ने कहे कि अगर ऐसा है तो फिर प्याज और लहसून पर भी बैन लगा दो। किसी ने मीट बैन को लेकर 2008 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को कोट किया। वहीं कइयोंं ने कहा कि हम बंगाली हैं, हम तो मछली देवी को अर्पित करते हैं। तो कइयों ने अपने को हिंदू बताते हुए कहा कि हमें मीट के बिकने से कोई आपत्ति नहीं। अगर 99 प्रतिशत लोग नवरात्रि में नहीं खाते तो 1 प्रतिशत को तो खाने-जीने का अधिकार है।
सूर्यान के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कवि पुनीत शर्मा ने लिखा- तो लहसुन और प्याज़ पर बैन लगाओ न।
तो लहसुन और प्याज़ पर बैन लगाओ न। https://t.co/bNaOw2ijZK
— Puneet Sharma (@PuneetVuneet) April 5, 2022
धीरज नाम के एक यूजर ने भी कहा, नवरात्रि के दौरान प्याज और लहसुन की खरीद-बिक्री पर भी प्रतिबंध और अपराधीकरण क्यों नहीं किया जाता? कृपया कीजिए। सिर्फ मांस पर ही क्यों रोक?
Why not also ban and criminalise buying and selling of onion and garlic during Navratri? Please do. Why just stop at meat? https://t.co/duG7Nt51i0
— ᴅʜᴇᴇʀᴀᴊ (@meetdheeraj) April 4, 2022
एक अन्य ने लिखा- एक प्रतिशत लोगों को जीने का अधिकार है।
1% have the right to live. https://t.co/UMOO2PuFFj
— ॐ M ॐ (@Garuda_77) April 5, 2022
दुकान बंद करना समाधान नहीं है। आपको अपने धर्म के लोगों को समझाना चाहिए कि नवरात्रि में नॉनवेज ना खाएं। क्यों 9 दिन के लिए बेरोजगार कर रहे हैं लोगो को..सबका घर होता है सब अपने-अपने बिजनेस से कमाते हैं और अपना घर चलाते हैं।
Shop band karna is not the solution aapko apne dharam ke logo ko samjhana padega navratri main na khaye non-veg...kyu 9 din ke liye unemployed kar rhe ho logo ko..sabka ghar hota hai sab apne-apne business se kamate hai aur apna ghar chalate hai
— Shahbaj Salmani (@ShahbajSalmani6) April 4, 2022
एक यूजर ने लिखा-माफ़ कीजिए। यह हिंदू समुदाय के बारे में नहीं है। मैं हिंदू हूं और उस हिस्से से आता हूं जो दशहरा के दौरान खुशी-खुशी नवरात्रि मनाता है। कोई वर्जना नहीं, क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। कोई टैबू नहीं है। एक यूजर ने 2008 में जैन संबंधी मामले को लेकर मीट बैन पर दिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश को साझा करते हुए लिखा- एक रिमाइंडर कि दक्षिण दिल्ली नगर निगम का मांस की दुकानों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश पूरी तरह से कानूनी है, 2008 में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के लिए धन्यवाद।
A reminder that the South Delhi Municipal Corporation order banning meat shops is perfectly legal, thanks to this Supreme Court judgement from 2008.
— Guneet Malik (@guneet_malik) April 5, 2022
The problem isn't the BJP run SDMC but the fact that such things sell in a country that runs on the sentiments of the majority. https://t.co/ZAEFypUtXm
एक यूजर ने लिखा, रमजान की शुरुआत भी नवरात्रि से ही होती है तो जो लोग रोजा रखते हैं उनकी भी धार्मिक भावनाएं होती हैं। अगर किसी को इफ्तार के लिए मांस चाहिए तो उनके बारे में क्या कहेंगे। कृपया एमसीडी..।
गौरतलब है कि दक्षिणी दिल्ली के मीट विक्रेताओं ने भी कहा कि हम सरकार के साथ हैं लेकिन लेकिन इस तरह के आदेश मांस और मछली की दुकान के मालिकों को समय पर अवगत करा दिए जाने चाहिए। आईएनए बाजार में बॉम्बे फिश शॉप के मालिक एके बजाज ने कहा कि हमारे कारोबार को काफी नुकसान होगा नुकसान।