कोर्टरूम में पानी पीना लॉ छात्र को पड़ गया भारी, जज ने बुलाकर..

By आकाश चौरसिया | Published: January 18, 2024 04:05 PM2024-01-18T16:05:34+5:302024-01-18T16:11:53+5:30

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जज ने अचानक से कोर्टरूम में लॉ के एक छात्र को बुलाकर डांट दिया। इसके साथ ही उसे कोर्ट रूम में बैठने के नियम के बारे में भी बताया। उसका कसूर इतना था कि उसने बिना पूछा ही पानी पी अपनी बौतल से पानी पी लिया था। 

Law student found it difficult to drink water in courtroom judge call him | कोर्टरूम में पानी पीना लॉ छात्र को पड़ गया भारी, जज ने बुलाकर..

फोटो क्रेडिट- (एक्स)

Highlightsजज मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जज अचानक से कोर्टरूम में लॉ के एक छात्र को डांटने लगेकोर्टरूम में वह छात्र विजिटर गैलरी में कोर्ट की कार्रवाई के जरिए प्रक्रिया सीख रहा थामध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बैंच का यह दृश्य है

नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जज ने अचानक से कोर्टरूम में लॉ के एक छात्र को बुलाकर डांट दिया। इसके साथ ही उसे कोर्ट रूम में बैठने के नियम के बारे में भी बताया। उसका कसूर इतना था कि उसने बिना पूछा ही पानी पी अपनी बौतल से पानी पी लिया था। 

असल में कोर्टरूम में वह छात्र विजिटर गैलरी में कोर्ट की कार्रवाई देख रहा था। इतनी देर में उसे प्यास लगी, तभी उसने पानी पी लिया और उसके बाद तो न देखा आंव और न देखा तांव सीधे उसे अपने पास बुलाते हुए फटकार लगा दी। यह दृश्य मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बैंच का दृश्य है। 

इसके बाद जज रोहित आर्या ने सवाल करते हुए छात्र से पूछा कि आप कहां से आते हैं और क्या करते हैं? तब छात्र ने बताया कि वह पंजाब के एक प्रतिष्ठित कॉलेज एनएलयू में पढ़ता है और अदालत कक्ष में यह उसका पहला दिन है, तो न्यायाधीश ने अपना स्वर और ऊंचा कर लिया और उस पर भड़क उठे।

उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें अदालत कक्ष में व्यवहार के बुनियादी शिष्टाचार के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने आगे कहा, 'यह कोई कैफेटेरिया नहीं है। आप अपनी बोतल खोलकर पानी पीना शुरू नहीं कर सकते। अगर आपको कुछ पीना है तो बाहर जाइए। मेरे कोर्टरूम में पानी, कॉफी आदि पीने की इजाजत नहीं है।' 

जस्टिस रोहित आर्य की सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा भारी आलोचना झेलनी पड़ी। एक ट्वीट में कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने कहा, "हालांकि न्यायालयों की महिमा को हर कीमत पर संरक्षित किया जाना चाहिए, लेकिन आधिपत्य द्वारा यह उचित नहीं है! न्यायालयों का मानवीय पक्ष होना चाहिए.. उनके आधिपत्य के संबंध में!"

Web Title: Law student found it difficult to drink water in courtroom judge call him

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