पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को चेतावनी देते हुए कहा कि वह संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराए और यदि वह ‘‘व्यापक मत’’ हासिल करने में विफल रहती है तो उसे सत्ता छोड़नी होगी। ममता बनर्जी के इस बयान पर आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और कवि कुमार विश्वास ने निशाना साधा है। कुमार विश्वास ने ट्वीट कर लिखा है, ''भारत के आंतरिक मामले में यूएन?राजनैतिक विरोध-विद्वेष सब ठीक है दीदी, जमकर करिए, जोरदार करिए, सब साथ आएंगे,पर देश के आंतरिक मतभेद में विदेशी पंच बुलाने की बात बेहद घटिया और खेदजनक है। यहीं लड़िए...जीतिए...कानून बनाइए...बदलिए। बाकी यूएन या किसी भी विदेशी पंच की ऐसी की तैसी।''
कुमार विश्वास का यह ट्वीट वायरल हो गया है। उनके ट्वीट को साढे आठ हजार लोगों ने रिट्वीट किया है और 31 हजार लोगों ने लाइक किए हैं।
पढ़िए ममता बनर्जी का पूरा बयान
कोलकाता में 19 दिसंबर को बनर्जी ने रानी रशमोनी एवेन्यू में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को देश में हिन्दू और मुसलमानों के बीच लड़ाई के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है।
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'बीजेपी को बहुमत मिला है, इसका मतलब यह नहीं है कि जो वह चाहती है, कर सकती है। यदि भाजपा में साहस है तो उसे सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराना चाहिए।' ममता ने कहा, यदि बीजेपी व्यापक मत हासिल करने में विफल रहती है तो तब उसे सत्ता छोड़ देनी चाहिए।''
ममता बनर्जी के यूएन वाले बयान पर बीजेपी की प्रतिक्रिया
ममता की टिप्पणी पर बीजेपी की तीखी प्रतिक्रिया आई। बीजेपी ने तृणमूल प्रमुख से कहा कि वह खुद को ‘हंसी का पात्र’ न बनाए। केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा, “क्या उन्हें पता है वह क्या कह रही हैं? उन्हें खुद को हंसी का पात्र नहीं बनाना चाहिए। मुझे लगता है कि उनके सलाहकारों ने उन्हें अच्छी सलाह देना बंद कर दिया है।”