जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ लगातार विरोध कर रहे हैं। इसी क्रम में उनका एक ताजा ट्वीट चर्चा में आ गया है। इस ट्वीट में वह राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर तंज कस रहे हैं। कन्हैया कुमार ने ट्वीट किया, 'NRC और NPR में उतना ही फर्क है जितना गंगाधर और शक्तिमान में'। पिछले कुछ दिनों से नागरिकता संशोधन कानून के अलावा एनपीआर और एनआरसी को लेकर लोगों में खलबली है।
कन्हैया कुमार का ये ट्वीट वायरल हो गया है। कन्हैया कुमार के इस ट्वीट पर 42 हजार लाइक्स हैं और साढ़े दस हजार लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। एक यूजर ने लिखा है, NPR का पैकेट खोलने पर आपको NCR ही मिलेगा। नफरत फैलाने वाली भाजपा के जुड़ाव बच्चों की तरह है।
एक यूजर ने लिखा है, NRC नहीं, तो NPR सही।
एनपीआर और एनआरसी के बीच संबंध से अमित शाह ने किया इनकार
गृह मंत्री अमित शाह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा है, मैं आज स्पष्ट रूप से बता रहा हूं कि एनपीआर और एनआरसी के बीच कोई संबंध नहीं है। एनआरसी पर अभी चर्चा की कोई जरूरत नहीं है, सरकार ने अभी तक इसका ड्राफ्ट तैयार नहीं किया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि अगले साल अप्रैल से सितंबर तक जनगणना 2021 के प्रथम चरण के साथ एनपीआर की कवायद की जाएगी। इसका एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘दूर-दूर तक एनआरसी से (एनपीआर का) कोई संबंध नहीं है।’’ जावड़ेकर ने कहा कि एनपीआर को अद्यतन करने के दौरान सरकार लोगों से कोई दस्तावेज या कोई बायोमेट्रिक डाटा नहीं मांगेगी। उन्होंने कहा, ‘‘नागरिक जो कुछ जानकारी देंगे, हम स्व-घोषणा के फॉर्म में स्वीकार करेंगे।’’
एनपीआर क्या है?
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर):-- परिचय: राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) देश के सामान्य निवासियों का एक रजिस्टर है। यह स्थानीय (ग्राम / उप-नगर), उप जिला, जिला, राज्य एवं नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों और नागरिकता (पंजीकरण नागरिकों की और राष्ट्रीय पहचान पत्र के मुद्दे) के तहत राष्ट्रीय स्तर नियम, 2003 में तैयार किया जा रहा है। यह भारत के हर सामान्य निवासी एनपीआर में पंजीकरण करने के लिए अनिवार्य है। एनपीआर के सामान्य निवासियों को इस तरह से परिभाषित किया गया है- ऐसा व्यक्ति जो किसी स्थानीय इलाके में छह महीने या इससे अधिक समय से रह रहा है या अगले छह महीने से अधिक समय तक रहने का इरादा रखता है। एनपीआर कवायद अप्रैल से सितंबर 2020 के बीच असम को छोड़ कर सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में की जाएगी। (पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)