Indore: भिखारी बताओ और 1000 रुपये इनाम पाओ?, भीख देने और भिखारियों से कोई सामान खरीदने पर कानूनी रोक

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 3, 2025 16:48 IST2025-01-03T16:46:47+5:302025-01-03T16:48:17+5:30

Indore: केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने देश के 10 शहरों को भिक्षुकमुक्त बनाए जाने की प्रायोगिक (पायलट) परियोजना शुरू की है जिनमें इंदौर शामिल है।

Indore Rs 1000 reward giving information about beggars Legal ban alms buying any goods from beggars madhya pradesh | Indore: भिखारी बताओ और 1000 रुपये इनाम पाओ?, भीख देने और भिखारियों से कोई सामान खरीदने पर कानूनी रोक

सांकेतिक फोटो

Highlightsआदेश के उल्लंघन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।दोषी को एक वर्ष तक के कारावास या 5,000 रुपये तक के जुर्माने या दोनों सजाओं से दण्डित किया जा सकता है। व्यक्ति को प्रोत्साहन राशि के रूप में 1,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा भी की गई है।

Indore:इंदौर को भिक्षावृत्ति से मुक्त करने की कोशिशों में जुटे प्रशासन ने अब भीख देने और भिखारियों से कोई सामान खरीदने पर कानूनी रोक लगा दी है और इस प्रतिबंध के उल्लंघन पर कार्रवाई का प्रावधान किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि जिलाधिकारी आशीष सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत जारी आदेश में कहा, ‘‘किसी भी प्रकार की भिक्षावृत्ति को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाता है। भिक्षुओं को भिक्षास्वरूप कुछ भी देना या उनसे किसी भी प्रकार का सामान खरीदना प्रतिबंधित किया जाता है।’’

प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा गया कि जो व्यक्ति भिखारियों को भिक्षास्वरूप कोई भी चीज देता या उनसे कोई सामान खरीदता पाया गया, तो उसके खिलाफ भी इस आदेश के उल्लंघन पर कानूनी कदम उठाए जाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि आदेश के उल्लंघन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

इस कानूनी प्रावधान के तहत दोषी को एक वर्ष तक के कारावास या 5,000 रुपये तक के जुर्माने या दोनों सजाओं से दण्डित किया जा सकता है। अधिकारियों के मुताबिक, प्रशासन के प्रतिबंधात्मक आदेश में भिक्षावृत्ति की सही सूचना देने वाले व्यक्ति को प्रोत्साहन राशि के रूप में 1,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा भी की गई है।

महिला और बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी दिनेश मिश्रा ने बताया कि शहर में गुजरे चार महीनों के दौरान भिक्षावृत्ति में शामिल करीब 400 लोगों को पुनर्वास के लिए एक आश्रय स्थल भेजा गया है, जबकि 64 बच्चों को बाल देखरेख संस्थान पहुंचाया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले चार महीनों के दौरान हमने लोगों को भिक्षावृत्ति के खिलाफ जागरूक करने के लिए अलग-अलग अभियान चलाए। अब भीख लेने वाले और भीख देने वाले, दोनों तरह के लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’’ केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने देश के 10 शहरों को भिक्षुकमुक्त बनाए जाने की प्रायोगिक (पायलट) परियोजना शुरू की है जिनमें इंदौर शामिल है।

Web Title: Indore Rs 1000 reward giving information about beggars Legal ban alms buying any goods from beggars madhya pradesh

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