पाकिस्तान ने भारत के नागरिकता संशोधन विधेयक को ‘प्रतिगामी एवं पक्षपातपूर्ण’ बताया और इसे नई दिल्ली का पड़ोसी देशों के मामलों में ‘दखल’ का ‘दुर्भावनापूर्ण इरादा’ बताया। इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी नागरिकता संशोधन बिल पर ट्वीट किया है। पाक पीएम इमरान का ट्वीट वायरल हो गया है। कई लोग उनको ट्रोल भी कर रहे हैं। पाक पीएम इमराम खान ने 10 दिसंबर को ट्वीट किया, 'भारतीय लोकसभा के द्वारा नागरिकता विधेयक को पारित किए जाने की हम कड़ी निंदा करते हैं। यह बिल अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों और पाकिस्तान के साथ हुए द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है। यह आरएसएस के 'हिंदू राष्ट्र' की अवधारणा का एक हिस्सा है और फासिस्ट मोदी सरकार के प्रपंच को उजागर करता है।' नागरिकता संशोधन बिल सोमवार (9 दिसंबर) को लोकसभा में पेश हुआ और विधेयक के पक्ष में 311 मत, जबकि विरोध में 80 मत पड़े।
इस ट्वीट को लेकर पाक पीएम इमरान खान ट्विटर पर जमकर ट्रोल हो रहे हैं। लेखक तारिक फतह इमरान खान के ट्वीट पर कहा, इमरान खान के लिए...क्या आप इस बलूचिस्तान के माँ की पीड़ा को महसूस कर सकते हैं? उसके बेटे राशिद हुसैन को आपकी सुरक्षा एजेंसियों ने अपहरण कर लिया था और उसके बाद से गायब हो गया था।
वहीं कपिल मिश्रा ने लिखा है, भारत में डर महसूस करने वालों के लिए पाकिस्तान को भी इसी तरह का बिल लाना चाहिए।
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पाकिस्तान ने नागरिकता संशोधन विधेयक की आलोचना की, पड़ोसी देशों में दखल का प्रयास बताया
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने मध्य रात्रि के बाद एक बयान जारी किया। उसमें कहा, ‘‘हम इस विधेयक की निंदा करते हैं। यह प्रतिगामी और भेदभावपूर्ण है और सभी संबद्ध अंतरराष्ट्रीय संधियों और मानदंडों का उल्लंघन करता है। यह पड़ोसी देशों में दखल का भारत का दुर्भावनापूर्ण प्रयास है।’’ इसमें कहा गया कि इस कानून का आधार झूठ है और यह धर्म या आस्था के आधार पर भेदभाव को हर रूप में खत्म करने संबंधी मानवाधिकारों की वैश्विक उद्घोषणा और अन्य अंतरराष्ट्रीय संधियों का पूर्ण रूप से उल्लंघन करता है।
वक्तव्य के मुताबिक, ‘‘लोकसभा में लाया गया विधेयक पाकिस्तान और भारत के बीच हुए दोनों देशों के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अधिकारों से जुड़े समझौते समेत विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों का भी पूर्ण रूप से विरोधाभासी है।’’ भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में विधेयक पेश करते हुए यह स्पष्ट किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में किसी भी धर्म के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा था कि इस विधेयक से उन अल्पसंख्यकों को राहत मिलेगी जो पड़ोसी देशों में अत्याचार का शिकार हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार की ओर से लाया गया यह विधेयक ‘‘हिंदू राष्ट्र’’ की अवधारणा को वास्तविक रूप देने की दिशा में एक प्रमुख कदम है, जिस अवधारणा को कई दशकों से दक्षिणपंथी हिंदू नेताओं ने पालापोसा।