'या तो अपराधी सुधर जाएं या उत्तर प्रदेश छोड़ दें', पत्रकार की दिनदहाड़े हत्या पर घिरी योगी सरकार, ट्विटर पर फूटा लोगों का गुस्सा
By पल्लवी कुमारी | Published: July 22, 2020 02:12 PM2020-07-22T14:12:20+5:302020-07-22T14:12:20+5:30
गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी की अस्पताल में इलाज के दौरान बुधवार (22 जुलाई) सुबह मौत हुई। भांजी के साथ छेड़खानी का विरोध करने पर पत्रकार को गोली मारी गई थी। पुलिस ने इस मामले में अबतक 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों में काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है। गाजियाबाद में 20 जुलाई की रात कुछ बदमाशों ने पत्रकार विक्रम जोशी के सिर में गोली मारी थी। जिसके बाद विक्रम जोशी की इलाज के दौरान बुधवार (22 जुलाई) को गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में मौत हो गई। विक्रम जोशी ने 16 जुलाई 2020 को अपनी भांजी के साथ छेड़छाड़ के आरोप में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्ही बदमाशों ने विक्रम जोशी की हत्या की है।
ट्विटर पर पत्रकार विक्रम जोशी की मौत के बाद कई सारे हैशटैग चल रहे हैं। इन हैशटैग के साथ कई पत्रकारों और नेताओं ने भी ट्वीट किया है। महिला पत्रकार साक्षी जोशी ने लिखा है, ''या तो अपराधी सुधर जाएं या उत्तर प्रदेश छोड़ दें। दोनों ही नहीं हुए।हां, पत्रकार विक्रम जोशी यूपी ही नहीं दुनिया छोड़कर जरूर चले गए।''
‘या तो अपराधी सुधर जाएँ या उत्तर प्रदेश छोड़ दें’
— Sakshi Joshi (@sakshijoshii) July 22, 2020
दोनों ही नहीं हुए
हाँ , पत्रकार विक्रम जोशी यूपी ही नहीं दुनिया छोड़कर ज़रूर चले गए
वकील प्रशांत पटेल ने लिखा है, ''पत्रकार विक्रम द्वारा शहनूर अंसारी की नामजद शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई न करने वाले गाजियाबाद पुलिस पर भी कार्रवाई हो।
पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या मामले में सीएम @myogiadityanath जी ने परिवार को 10 लाख की आर्थिक सहायता, पत्नी को नौकरी, बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने का दिया आदेश।
— Prashant Patel Umrao (@ippatel) July 22, 2020
विक्रम द्वारा शहनूर अंसारी की नामजद शिकायत करने के बावजूद कार्यवाही न करने वाले @ghaziabadpolice पर भी कार्यवाही हो।
टीवी एंकर रोहित सरदाना ने लिखा है, पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या के ज़िम्मेदार अकेले गुंडे नहीं हैं, वो सब हैं जो लगातार शिकायतों के बावजूद कानों में तेल डाले बैठे रहे. यूपी सरकार का पहला अजेंडा थे मनचले- ऑपरेशन मजनू - के तहत। नतीजा?
पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या के ज़िम्मेदार अकेले गुंडे नहीं हैं, वो सब हैं जो लगातार शिकायतों के बावजूद कानों में तेल डाले बैठे रहे. यूपी सरकार का पहला अजेंडा थे मनचले - ऑपरेशन मजनू - के तहत. नतीजा? pic.twitter.com/1QuLvjrV12
— रोहित सरदाना (@sardanarohit) July 22, 2020
कांग्रेस नेता ने लिखा है, गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी को बीच सड़क पर गोली मार दी गयी, गुनाह सिर्फ इतना है कि उन्होंने अपनी भांजी के साथ हुई छेड़छाड़ की रिपोर्ट थाने में लिखवाई थी।
गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी को बीच सड़क पर गोली मार दी गयी,
— Srinivas B V (@srinivasiyc) July 21, 2020
गुनाह सिर्फ इतना है कि उन्होंने अपनी भांजी के साथ हुई छेड़छाड़ की रिपोर्ट थाने में लिखाई थी । pic.twitter.com/duibjbGRBF
कांग्रेस नेता आचार्या प्रमोद ने लिखा, ''गाजियाबाद में वरिष्ठ पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या के बाद ये स्पष्ट हो गया है कि योगी सरकार में अपराधी बेहद डरे हुए हैं और यूपी छोड़ कर भाग चुके हैं। #जंगलराज।''
ग़ाज़ियाबाद में वरिष्ठ “पत्रकार”
— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) July 21, 2020
विक्रम जोशी की हत्या के बाद ये “स्पष्ट” हो गया है कि योगी सरकार में अपराधी बेहद “डरे” हुए हैं और यूपी छोड़ कर भाग चुके हैं.#जंगलराज
विनोद कापड़ी ने विक्रम जोशी पर हुए हमले का सीसीटीवी वीडियो शेयर कर लिखा, ''और ये शख्स हैं पत्रकार विक्रम जोशी , जिन्होंने चार दिन पहले कुछ लड़कों के खिलाफ भांजी के साथ छेड़खानी की FIR कराई थी। वो लड़के तो गिरफ्तार नहीं हुए लेकिन विक्रम को गोली मार दी गई। वो भी बेटी के सामने। वीडियो में बेटी भी दिख रही है। बात जंगलराज से बहुत आगे बढ़ चुकी है।
और ये शख़्स हैं पत्रकार विक्रम जोशी , जिन्होंने चार दिन पहले कुछ लड़कों के ख़िलाफ़ भांजी के साथ छेड़खानी की FIR कराई थी।वो लड़के तो गिरफ़्तार नहीं हुए लेकिन विक्रम को गोली मार दी गई।वो भी बेटी के सामने।वीडियो में बेटी भी दिख रही है।बात जंगलराज से बहुत आगे बढ़ चुकी है। https://t.co/UF1D8KbQ6K
— Vinod Kapri (@vinodkapri) July 21, 2020
उत्तर प्रदेश कांग्रेस नेता अजय कुमार ने लिखा, ये उप्र के जंगलराज का क्रूर चेहरा है।
ग़ाज़ियाबाद के पत्रकार विक्रम जोशी नहीं रहे। उनकी गलती यह थी कि उन्होंने अपनी भांजी के ख़िलाफ़ हो रहे छेड़खानी के विरुध्द प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
— Ajay Kumar Lallu (@AjayLalluINC) July 22, 2020
पीड़ित परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।
ये उप्र के जंगलराज का क्रूर चेहरा है। 1/2 https://t.co/iwgl4fOCbR
आप नेता संजय सिंह ने कहा, गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी जी के परिवार से मिला। बहन ने बताया गोली लगने से दो घंटे पहले भाई ने SO को फोन करके मदद मांगी लेकिन पुलिस ने कोई मदद नहीं की और विक्रम पर ये जानलेवा हमला हो गया। योगी राज में न पत्रकार सुरक्षित है न आम आदमी।
गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी जी के परिवार से मिला बहन ने बताया “गोली लगने से दो घंटे पहले भाई ने SO को फ़ोन करके मदद माँगी लेकिन पुलिस ने कोई मदद नही की और विक्रम पर ये जानलेवा हमला हो गया” योगी राज में न पत्रकार सुरक्षित है न आम आदमी। pic.twitter.com/b88i0ZCu44
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) July 21, 2020
बदमाशों ने गाजियाबाद के पत्रकार विक्रम जोशी को सिर में गोली मार दी थी। अधिकारियों ने बताया कि जोशी ने 16 जुलाई को अपनी भांजी के साथ छेड़छाड़ किए जाने के आरोप में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। जोशी को विजय नगर इलाके में उनके घर के पास सोमवार (20 जुलाई) रात करीब साढ़े 10 बजे गोली मारी गई थी।
जोशी के परिवार के एक सदस्य ने, हां, वह (विक्रम जोशी) अब जीवित नहीं हैं। जोशी ने अस्पताल में उपचार के दौरान सुबह करीब चार बजे दम तोड़ दिया। पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या मामले में यूपी पुलिस ने 10 लोगों की सूची जारी की। जिसमें से 3 आरोपी गिरफ्तार हैं, जबकि 6 को हिरासत में लिया गया है और एक फरार है।
पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या पर गाजियाबाद के जिलाधिकारी ने बताया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा परिवार को तात्कालिक प्रभाव से 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की स्वीकृति दी गई है। उनकी पत्नी के लिए योग्यता के अनुसार नौकरी की व्यवस्था की जाएगी और उनके बच्चों की निशुल्क शिक्षा का प्रबंध किया जाएगा।