नई दिल्ली: इन दिनों सोशल मीडिया पर पूर्व पीएम राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की तस्वीर खूब वायरल हो रही है। इस तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि दोनों एक शव के सामने हाथ उठाए खड़े हैं, मानों कलमा पढ़ रहे हो जैसे।
इस तस्वीर के वायरल होने के बाद दावा किया जा रहा है कि फोटो में दिख रहा शव पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) का है। ऐसे में सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी है कि इंदिरा गांधी का अंतिम संस्कार मुस्लिम रीति-रिवाज से किया गया था। हालांकि, इस खबर को फैक्ट चेक ( Fact Check) करने पर पता चला है कि ये एक फर्जी खबर (fake news) है।
क्या है तस्वीर की सच्चाई
दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर में दिख रहा शव तस्वीर खान अब्दुल गफ्फार खान की है, जिसमें तत्कालीन भारतीय पीएम राजीव गांधी भी शामिल हुए थे। वहीं, अगर इस तस्वीर को पूरी तरह देखें तो यहां राजीव गांधी के साथ-साथ नरसिम्हा राव भी दिख रहे हैं। बता दें कि साल 20 16 में मोहसिन दवार (मोहसिन पेशावर हाई कोर्ट में वकील हैं और लेखक भी) नाम के व्यक्ति ने अपने वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से इस तस्वीर को शेयर किया था।
साथ ही कैप्शन में लिखा था, ‘राजीव गांधी, सोनिया गांधी और नरसिम्हा राव बचा खान के जनाज़े में शामिल होते हुए।’ वहीं, इंदिरा गांधी के अंतिम संस्कार की तस्वीरें अधिकारिक अकाउंट से खोजने पर मिली, जिसमें राजीव गांधी उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज़ से करते दिख रहे हैं।
इसके बाद यह सो गया है कि इंदिरा गांधी के अंतिम संस्कार के समय राजीव गांधी और राहुल गांधी के कलमा पढ़ने के दावा गलत है। दरअसल, वायरल होती उस तस्वीर को जिसे इंदिरा गांधी का शव बताया जा रहा है वह असल में पेशावर में खान अब्दुल गफ्फार खान के जनाजे की तस्वीर है।
इंदिरा गांधी का अंतिम संस्कार यू-ट्यूब पर भी देखा जा सकता है।
इंदिरा गांधी का अंतिम संस्कार
मालूम हो कि कि भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्तूबर 1984 को उनके ही दो सुरक्षाकर्मियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। 3 नवंबर, 1984 को दिल्ली में इंदिरा गांधी का अंतिम संस्कार हिन्दू रीति से किया गया था। उनके अंतिम संस्कार के कई वीडियो सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हैं।