Fact Check: कोरोना की वजह से देश में फिर लगने जा रहा है 3 मई से लॉकडाउन? जानें क्या है सच्चाई
By दीप्ती कुमारी | Published: May 1, 2021 03:46 PM2021-05-01T15:46:02+5:302021-05-01T15:46:02+5:30
सोशल मीडियो पर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है कि 3 से 20 मई तक पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन लगेगा। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस पोस्ट की सच्चाई क्या है, जानिए।
दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के दौरान लॉकडाउन को संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए कारगर उपाय बताया गया है। कई विशेषज्ञ इसकी वकालत करते हैं। देश में कोरोना की दूसरी लहर भी जारी है। कारण संक्रमण के आकड़े तेजी से बढ़ते जा रहे हैं।
ऐसे में कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट वायरल हैं जिसमें दावा किया जा रहा है कि 3 से 20 मई तक संपूर्ण लॉकडाउन देश में लगाया जाएगा। इस बाबत सरकार ने लॉकडाउन के विषय में भ्रम की स्थिति साफ कर दी है ।
पीआईबी की फेक्ट चेक में कहा गया कि 'सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने देश में 3 मई से 20 मई तक संपूर्ण लॉकडाउन लगाने की घोषणा की है। हालांकि ये पूरी तरह फर्जी है।केंद्र सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है ।'
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने देश में 3 मई से 20 मई तक सम्पूर्ण लॉकडाउन लगाने की घोषणा की है।#PIBFactCheck: यह दावा #फर्जी है। केंद्र सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। pic.twitter.com/Xt93IDnMcc
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 30, 2021
इससे पहले गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सूचित किया कि देश में उसकी ओर से कोई लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा। साथ ही मंत्रालय ने जिलों और क्षेत्रों में कंटेनमेंट जोन बनाकर कोरोना के संक्रमण को रोकने के निर्देश दिए हैं।
मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अपने क्षेत्र में कंटेनमेंट जोन पर बनाकर सभाओं , बाजारों , कार्यालयों , स्कूलों और विश्वविद्यालय के संचालन में जरूरी सख्ती बरतने और टेस्टों की संख्या बढ़ाने की भी बात कही है।
साथ ही राज्यों को ये सलाह दी गई कि पिछले एक सप्ताह से जिन क्षेत्रों में पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से ज्यादा है और जहां 60 प्रतिशत से अधिक ऑक्सीजन वाले आईसीयू बेड भरे हुए हैं, वहां सख्त पाबंदियां लगाई जाएं।
अप्रैल में कोविड पॉजिटिव मामलों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और मौत का आकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है । ऐसे में गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने क्षेत्र की स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्वयं रणनीति बनाने को कहा है।