नई दिल्ली: भगोड़े हीरा कोराबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले में कांग्रेस में शामिल बंबई और इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व जज अभय थिप्से ने लंदन कोर्ट में गवाही दी है। इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं ने कांग्रेस और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा है। अभय थिप्से, जो कि 2018 में कांग्रेस में शामिल हुए थे, उन्होंने कोराबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की लंदन की एक अदालत में चल रही सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए गवाही देते हुए कहा है,''केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के नीरव मोदी पर लगाए आरोप भारतीय कानूनों के तहत नहीं टिक पाएंगे।''
अभय थिप्से की इस गवाही पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और नेता संबित पात्रा ने कहा है,''यहां भारत में राहुल गांधी नीरव मोदी को लेकर सरकार से सवाल पूछते हैं दूसरी तरफ राहुल के खास एवं कांग्रेस के अभय थिप्से (पूर्व जज) नीरव मोदी के पक्ष में गवाह बनते हैं। आखिर क्या है जो राहुल नहीं चाहते कि नीरव भारत आए। उस रात पार्टी में राहुल और नीरव में क्या लेन-देन हुई थी?'
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी कांग्रेस और राहुल गांधी पर बोला हमला
इस मामले पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है, नीरव मोदी से संबंधित मामले कांग्रेस के शासन के हैं। ये अधिकांश सब यूपीए-1 और यूपीए-2 में हुआ था। श्रीमान राहुल गांधी जी ने 13 सितंबर 2013 को नीरव मोदी के एक कार्यक्रम में भी शिरकत की थी।
उन्होंने कहा, कांग्रेस ने हर प्रकार से नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को बचाने की कोशिश की है। अब जब वो गिरफ्तार हो गए हैं, तो कांग्रेस से जुड़े एक रिटायर्ड जज उनको बचाने की कोशिश में लगे हैं।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, 13 मई को, मुंबई हाई कोर्ट के एक रिटायर्ड जज हैं, इन्होंने नीरव मोदी के डिफेंस विटनेस के रूप में ये स्टैंड लिया है कि नीरव मोदी के खिलाफ कोई केस नहीं है। उनको बचाने की पूरी कोशिश की गई है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा है, ये मुंबई हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज हैं। इन्हें प्रशासनिक कार्यों के लिए रिटायमेंट के 10 महीने पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर किया गया था। रोचक बात है कि इन्होंने 13 जून 2018 को कांग्रेस की सदस्यता ली थी।
भारत सरकार ने बुधवार (13 मई) को भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के खिलाफ धोखधड़ी और धन शोधन के मामले में लंदन की एक अदालत में सबूतों के तौर पर और दस्तावेज जमा किए हैं। नीरव लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में अपने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ मुकदमा लड़ रहा है। डिस्ट्रिक्ट जज सैमुअल गूजी ने दस्तावेज देरी से जमा किये जाने पर चिंता जताई लेकिन आवेदन पर विचार करने के लिए सहमति जता दी है। इन दस्तावेजों में अधिकतर हीरा कारोबारी की कंपनियों से जुड़े बैंक दस्तावेज हैं।