दर्द की दास्तां: मौत के साए में 5 साल की बच्ची, रोने के सिवा कुछ ना कर सका नाना
By पल्लवी कुमारी | Published: January 16, 2018 12:15 PM2018-01-16T12:15:50+5:302018-01-16T12:36:53+5:30
एक साल से ज्यादा नहीं जी पाएगी ब्रायलीन, नाना की भी एक गंभीर बीमारी में आवाज चली गई है।
कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो अच्छे-अच्छे को तोड़ कर रख देती है। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक ऐसे ही कैंसर से जूझ रही फैमली की तस्वीरें वायरल हो रही है, जिसने ना जानें कितने लोगों की आंखें नम कर दी। साकोला, फ्लोरिडा की रहने वाली महिला एली पार्कर ने अपनी 5 साल की कैंसर पीड़ित बच्ची ब्रायलीन की तस्वीर शेयर की, जो वायरल हो रही है। इस तस्वीर में ब्रायलीन अस्पताल के बिस्तर पर लेट मौत से जूझ रही है। वहीं पास में ही उसके नाना सीन पीटरसन भी बैठे हैं, जो दर्द में रोते दिख रहे हैं।
एली पार्कर ने आठ जनवरी को बेटी ब्रायलीन की तस्वीर फेसबुक शेयर की थी। जिसके साथ उन्होंने कैप्शन लिखा, राजकुमारी ब्रायलीन अभी भी हमारे साथ हैं, उसकी पल्स मुश्किल से चल रही है, जिसे हम महसूस नहीं कर सकते हैं लेकिन हम इसे स्टेथोस्कोप के साथ सुन सकते हैं। नर्स कहते हैं कि वह इसे अगले घंटों तक नहीं कर सकती, लेकिन चमत्कार अब भी हो सकता है।'
नाना सीन पीटरसन भी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं
कुछ दिनों के बाद एली पार्कर ने अपने पिता सीन पीटरसन और ब्रायलीन की एक और तस्वीर शेयर की है और लिखा है, आज तक मैंने ये दोनों सबसे मजबूत इंसान देखे हैं। हमें जानने वाला हर व्यक्ति यही बात कहेगा। हर कोई यही सोचता था कि ये दोनों हम सबसे ज्यादा दिनों तक रहेंगे, लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी नन्हीं परी सबसे पहले हमें छोड़कर जाएगी।' सीन पीटरसन भी मोटर न्यूरॉन डिसीज (एमएनडी) से पीड़ित हैं और कुछ बोल नहीं सकते।
एक साल से ज्यादा नहीं जी पाएगी ब्रायलीन
बता दें कि ब्रायलीन ब्रेन ट्यूमर से जंग लड़ रही है। छह दिसंबर को ही ब्रायलीन के परिजनों को इस बात का पता चला कि उनकी नन्हीं परी ब्रैन कैंसर के सबसे खतरनाक फॉर्म डिफ्यूज इंट्रिन्सिक पेन्टीन ग्लिओमा (डीआईपीजी) से पीड़ित है। जिसका अभी तक मेडिकल साइंस में कोई इलाज नहीं है। इस बीमारी में पीड़ित व्यक्ति की मसल्स कमजोर पड़ जाती हैं और शरीर ठीक से काम नहीं करता है। पार्कर ने बताया है कि उनकी बेटी का इलाज कीमोथेरेपी के जरिए भी संभव नहीं है, केवल रेडिएशन का इस्तेमाल करके कुछ हद तक इलाज किया जा सकता है, लेकिन ब्रायलीन एक साल से ज्यादा नहीं रह पाएगी।
सोशल मीडिया के जरिए जागरुकता फैलाने का काम कर रही हैं एली पार्कर
एली पार्कर फेसबुक के माध्यम से अपनी बेटी ब्रायलीन की तस्वीरें शेयर कर रही हैं और कैंसर को लेकर जागरुकता फैलाने का काम कर रही हैं। अभी तक करीब 22,000 डॉलर सोशल मीडिया के माध्यम से ब्रायलीन के इलाज के लिए जुटा लिए गए हैं।