असम पुलिस की हैवानियत पर फूटा लोगों का गुस्सा, 3 मुस्लिम बहनों को घर से उठाकर थाने में निर्वस्त्र कर किया प्रताड़ित, एक का हुआ गर्भपात
By पल्लवी कुमारी | Published: September 19, 2019 10:41 AM2019-09-19T10:41:13+5:302019-09-19T10:41:13+5:30
महिला आयोग ने असम प्रशासन से कहा है कि इस घटना में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि आगे ऐसी कोई घटना नहीं हो। खबरों के मुताबिक असम पुलिस ने मंगलवार को अपने दो अधिकारियों पर महिलाओं का उत्पीडन करने, कपड़े निर्वस्त्र करने और पिटाई के आरोप में मामला दर्ज किया है।
असम के दारांग जिले में पुलिस का ऐसा भयाक रूप देखने को मिला है, जिससे हर कोई दहशत में है। असम के दारांग जिले में एक पुलिस थाना के अंदर तीन महिलाओं को प्रताड़ित किया गया है। उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग इस बात की काफी आलोचना कर रहे हैं। पीड़िता में एक गर्भवती महिला भी शामिल थी। ये तीनों बहनें है। पुलिस पर आरोप है कि तीनों बहनों को कथित तौर पर निर्वस्त्र कर प्रताड़ित किया गया है। पुलिस अधिकारी द्वारा पेट में लात मारने से गर्भवती महिला को ब्लीडिंग होने लगी और टॉर्चर के कारण उसका गर्भपात हुआ। यह घटना 8 सितंबर 2019 को हुई और मंगलवार (17 सितंबर) को सामने आई। तीनों महिलाएं मुस्लिम हैं।
दारांग जिले के पुलिस अधीक्षक अमृत भुइयां ने बताया कि महिलाओं को अपहरण के एक मामले में गुवाहाटी में उनके घर से रात को पकड़ा गया था और उन्हें नौ सितंबर को मंगलदोई में बुरहा पुलिस चौकी लाया गया था। अपहरण मामले में महिलाओं का भाई लिप्त था। महिलाओं के भाई और कथित तौर पर अपहरण की गयी महिला के पुलिस चौकी में आत्मसमर्पण करने के बाद तीनों महिलाओं को रिहा कर दिया गया।
महिलाओं ने बाद में पुलिस अधीक्षक को की गयी शिकायत में आरोप लगाया कि पुलिस चौकी के प्रभारी महेंद्र सरमा ने उन्हें प्रताड़ित किया और उन्हें बुरी तरह से घायल कर दिया। भुइयां ने कहा कि सरमा द्वारा 'अत्यधिक बलप्रयोग' के इस्तेमाल के आरोप को लेकर जांच के आदेश दिये गये हैं। एसपी ने बताया कि महिलाओं का चिकित्सकीय जांच किया गया और इस बारे में रिपोर्ट मिलनी बाकी है। इस मामले में असम पुलिस द्वारा दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और जांच शुरू की गई है।
इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश फूटा है। लोगों का कहना देश में ऐसी पुलिस ना रहे तो ही बेहतर है।
In a harrowing incident in Assam’s Darrang district, a pregnant Muslim woman and her two sisters were stripped and brutally tortured inside a police station.The pregnant woman lost her baby due to bleeding caused by the beating.
— 💞Habib_Hasan💞 (@Habib_Hasan_) September 18, 2019
What should we do to such officers?#Assampic.twitter.com/g4we08SYSi
Desh me janshanghi police walo ki dadad bahot badhti ja rahi hai #Assam police pic.twitter.com/8xOpinmz96
— Mohammed Shoaib Khan Azhari (@Mohamme30209700) September 19, 2019
#Assam a pregnant #Muslims woman is being Barbaric physically harassed by the police Inside the @assampolice station,
— WahiduZ 🇮🇳 (@wahid_ARN) September 17, 2019
physically harassed to such an extent that she gets an abortion in the police station itself.#PoliceTerrorism@asadowaisi@RanaAyyub@kavita_krishnanpic.twitter.com/hi6GWN80Ao
“We were brutally beaten up with sticks. My pregnant sister had pleaded to spare her as she was carrying a baby in her womb but Mahendra Sarma ( officer-in-charge of Burha police outpost ) said we were acting.https://t.co/7QLkf58U6Q#Assam@UAH_India
— TAMANNA PANKAJ (@TamannaPankaj) September 17, 2019
Men in uniform stripping & torturing a pregnant woman till she loses her baby.
— omer (@intellectroll) September 17, 2019
Hindu society has lost the last shred of its humanity. India is the opposite of civilization & has no morals.#Assam
असम में तीन महिलाओं की पिटाई के मामले में कड़ी कार्रवाई करे प्रशासन : महिला आयोग
असम के दिरांग जिले में पुलिस द्वारा तीन महिलाओं को कथित तौर पर निर्वस्त्र करने और उनकी पिटाई किए जाने की घटना की निंदा करते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने बुधवार को राज्य प्रशासन से कहा कि जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। आयोग की ओर से जारी बयान के मुताबिक, यह घटना इसलिए भी गंभीर है क्योंकि इसे कानून-व्यवस्था की रक्षा करने की जिम्मेदारी वाली पुलिस के लोगों की तरफ से अंजाम दिया गया।