एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च है लेकिन ऐसा नहीं कि उससे कभी गलती न हो। ओवैसी ने कहा कि यह तथ्यों के बजाय आस्था की जीत है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले की खिलाफत के बाद असदुद्दीन ओवैसी ट्विटर पर ट्र्रोल हो रहे हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने यह भी कहा है कि उन्हें 5 एकड़ जमीन के ऑफर को वापस लौटा दिया जाना चाहिए। वह देश के संविधान का सम्मान करते हैं और वह अपने वैधानिक हक के लिए संघर्ष करेंगे।
ओवैसी के बयान देने के बाद से ट्विटर पर हैशटैग #Owaisi ट्रेंड कर रहा है। इस हैशटैग के साथ आलोचना करने वाले लिख रहे हैं कि अगर असदुद्दीन ओवैसी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश नहीं हैं तो उनके लिए बेहतर ऑप्शन है कि वह भारत छोड़ कर चले जाएं।
कांग्रेस के नेता Salman Nizami ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी देश के 200+ मिलियन मुस्लिमों के ठेकेदार नहीं है। हम 5 एकड़ जमीन के ऑफर क्यों ठुकराएंगे। हम वहां मस्जिद जरूर बनाएंगे।
लेखक अद्वैता काला ने लिखा है कि यूं तो अयोध्या में कई मस्जिद हैं, लेकिन औवेसी सहित कोई भी मुस्लिम नेता वहां नहीं जाता, उनको सिर्फ राम मंदिर के निर्माण से परेशानी है।
एक यूजर ने लिखा है कि पुलिस ने इस बात का निर्देश दिया था कि जो भी हिंदू सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन ओवैसी के इस बयान पर पुलिस का क्या कहना है। देश के इतने बड़े नेता होने के बाद जो उन्होंने कहा है क्या वह सही है।
एक यूजर ने लिखा, कल तक यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अपनाने के लिए तैयार थे और इन्हें आज फैसला गलत लग रहा है।
क्या है अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अयोध्या में 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम लला को दी है। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सर्वसम्मति यानी 5-0 से आया है। 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार एक ट्रस्ट बनाएगी जो मंदिर का निर्माण कराएगी। यह जमीन अभी केंद्र सरकार के पास रहेगी और बाद में ट्रस्ट को दी जाएगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ की वैकल्पिक जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।