लखनऊ पोस्टर बवाल: आरोपी दीपक कबीर ने फेसबुक पर लिखा, होर्डिंग के आगे हम सारे बदनाम लोग चाय पीते नजर आएंगे

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 9, 2020 10:00 IST2020-03-09T09:59:24+5:302020-03-09T10:00:48+5:30

लखनऊ में 57 लोगों के पोस्टर हजरतगंज चौराहे पर लगे हैं. मामला नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान हिंसक प्रदर्शन से जुड़ा है. इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट एक महत्वपूर्ण फैसला आज दोपहर सुनाएगा.

Allahabad High Court decided today on hoardings of anti-CAA protesters | लखनऊ पोस्टर बवाल: आरोपी दीपक कबीर ने फेसबुक पर लिखा, होर्डिंग के आगे हम सारे बदनाम लोग चाय पीते नजर आएंगे

लखनऊ के चौराहे पर 57 लोगों के पोस्टर लगे हैं (तस्वीर ट्विटर से साभार.)

Highlightsलखनऊ जिला प्रशासन ने 57 आरोपियों को रिकवरी नोटिस दिया है, अगर आरोपी पैसे जमा नहीं करते हैं तो उनकी संपत्ति कुर्क की जाएगी.19 दिसंबर 2019 को लखनऊ में सीएए विरोधी प्रदर्शन में हिंसा हुई थी, इसमें सार्वजिक संपत्ति को नुकसान पहुंचने के अलावा एक व्यक्ति की मौत भी गई थी.

लखनऊनागरिकता संशोधन कानून (CAA)  विरोधियों का पोस्टर लगने पर राजधानी लखनऊ में राजनीतिक सरगर्मियां तेज है। लखनऊ जिला प्रशासन ने गुरुवार (5 मार्च) को CAA के खिलाफ शहर में हुए प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को रिकवरी नोटिस जारी किया। लखनऊ जिला प्रशासन 57 आरोपियों से 1.55 करोड़ रुपये वसूलने की तैयारी में हैं। लखनऊ जिला प्रशासन द्वारा ये पोस्टर लगाए जाने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने स्वत: संज्ञान लेते हुए योगी सरकार से पूछा है कि किस नियम के तहत आरोपियों के पोस्टर लगाए गए हैं। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश को सुरक्षित रख लिया है और आज (9 मार्च) दोपहर इस मामले में फैसला सुनाया जाएगा।

लखनऊ में लगे 57 लोगों के पोस्टर

लखनऊ जिला प्रशासन ने कांग्रेस नेत सदफ जफर, रिहाई मंच के संस्थापक मोहम्मद शोएब और दीपक कबीर, शिया नेता कल्बे सादिक के बेटे सिबतैन नूरी और रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर एसआर दारापुरी सहित 57 लोगों के पोस्टर लगवाए थे।  19 दिसंबर 2019 को लखनऊ में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुए संघर्ष में तोड़फोड़ और आगजनी हुई थी। इस वारदात में एक व्यक्ति की मौत भी हो गयी थी और बड़ी संख्या में लोग जख्मी हुए थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर  सार्वजनिक संपत्ति को पहुंची क्षति की भरपाई के लिए आरोपियों के फोटो वाली होर्डिंग जगह-जगह लगवा दी गई है। लखनऊ के सिटी मजिस्ट्रेट सुशील प्रताप सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा है कि प्रशासन 125 और जगहों पर पोस्टर लगाने की तैयारी में है। अभी लखनऊ के सबसे मुख्य चौराहे हजरतजंग के पास आरोपियों के पोस्टर लगाए गए हैं।

जानें आरोपियों ने क्या कहा

जिन 57 लोगों की तस्वीर चौराहे पर लगाई गई हैं उसमें दीपक कबीर भी शामिल हैं। उन्होंने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा है कि अगर कोर्ट की मेहरबानी से ये होर्डिंग्स हटवा न दीं तो इसी होर्डिंग के आगे हम सारे बदनाम लोग बैठे चाय पीते नजर आएंगे।

समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के अनुसार, अपना पोस्टर लगने पर कांग्रेस नेता सदफ जफर ने कहा है कि किसी को उस इल्जाम के लिए इस तरह कैसे जलील किया जा सकता है जो अभी अदालत में साबित नहीं हुआ है। यह हिंदुस्तान है, अफगानिस्तान नहीं। कानूनी मसलों को इस तरह जनता के सामने नहीं लाया जा सकता। हमें अदालत से जो जमानत मिली है उससे संबंधित आदेश में लिखा है कि हमारे खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं। फिर सरकार आखिर किस हक से हमें रुसवा कर रही है। 

पैसा नहीं जमा करने पर संपत्ति कुर्क करेगा प्रशासन

लखनऊ के डीएम के अनुसार सभी 57 लोगों को नोटिस जारी होने की तारीख से 30 दिन की मोहलत दी गई है। अगर एक महीने के अंदर राशि नहीं जमा की गई तो आरोपियों की संपत्ति कुर्क कर ली जाएगी।

Web Title: Allahabad High Court decided today on hoardings of anti-CAA protesters

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