'बच्चों की मौत होते रहती है, कोई नई बात नहीं', कोटा में मौत का आंकड़ा 100 के पार पहुंचा तो सीएम गहलोत हुए ट्रोल, लोगों ने लगाई क्लास

By पल्लवी कुमारी | Updated: January 2, 2020 12:29 IST2020-01-02T12:29:18+5:302020-01-02T12:29:18+5:30

राजस्थान के कोटा में दिसंबर में मरने वाले बच्चों की संख्या 100 हो गई है। जे के लोन अस्पताल में 23—24 दिसंबर को दस मासूमों की मौत हुई थी। सात दिनों में 22 बच्चों की मौत हुई है

After children death toll 100 Kota cm Ashok Gehlot trolled on Kids die, nothing new in it' | 'बच्चों की मौत होते रहती है, कोई नई बात नहीं', कोटा में मौत का आंकड़ा 100 के पार पहुंचा तो सीएम गहलोत हुए ट्रोल, लोगों ने लगाई क्लास

'बच्चों की मौत होते रहती है, कोई नई बात नहीं', कोटा में मौत का आंकड़ा 100 के पार पहुंचा तो सीएम गहलोत हुए ट्रोल, लोगों ने लगाई क्लास

Highlightsवीडियो में सीएम गहलोत यह भी कहते दिख रहे हैं, ''मेरे पास आंकड़ें हैं कि बीते 6 सालों में इस साल सबसे कम बच्चों की जानें गई हैं।''अशोक गहलोत ने यह बयान तब दिया था जब बच्चों की मौत करा आंकड़ा 77 पहुंच गया था। 

राजस्थान के कोटा में दो दिन में 9 बच्चों की मौत के साथ जेके लोन अस्पताल में दिसंबर महीने में मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 100 हो गई है। बच्चों की मौत के बाद कांग्रेस की सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है। बच्चों की मौत का आंकड़ा 100 पार करने के बाद ट्विटर पर सीएम अशोक 28 दिसंबर 2019 को दिए अपने एक बयान को लेकर ट्रोल हो रहे हैं। ट्विटर पर एक वायरल वीडियो में बच्चों की मौत के सवाल पर सीएम गहलोत कहते दिख रहे हैं, '' राजस्‍थान में हर दिन अस्पताल में तीन से चार बच्चों की मौत होते रहती है, कोई नई बात नहीं है। सिर्फ कोटा में ही नहीं बल्कि जयपुर में भी हुए हैं।'' अशोक गहलोत ने यह बयान तब दिया था जब बच्चों की मौत का आंकड़ा 77 पहुंच गया था। 

वीडियो में सीएम गहलोत यह भी कहते दिख रहे हैं, ''मेरे पास आंकड़ें हैं कि बीते 6 सालों में इस साल सबसे कम बच्चों की जानें गई हैं। इस साल केवल 900 मौतें हुई हैं। हालांकि, अगर एक भी बच्चे की मौत होती है, तो वो दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन मौतें 1400 भी हुई हैं, 1500 भी हुई हैं। इस साल तकरीबन 900 मौतें हुई हैं।' 

ट्विटर पर इन वीडियो को शेयर कर यूजर्स लिख रहे हैं कि जब प्रदेश के सीएम के लिए ही बच्चों की मौत होना कोई नई बात नहीं है तो इससे बड़ी दुख की बात क्या होगी। सीएम गहलोत को लोग इस बयान के लिए कह रहे हैं कि यह एक बहुत ही शर्मनाक बात है। ये लोग खुद को नेता बोलने के लायक नहीं हैं। 

देखें लोगों की प्रतिक्रिया 

राजस्थान के कोटा में बच्चों के मौत का आंकड़ा 100 के पार 

कोटा के जे के लोन अस्पताल में 23—24 दिसंबर को दस मासूमों की मौत हुई थी।  25 दिसंबर को एक बच्चे, 26 दिसंबर को 3 बच्चे,  27 दिसंबर को दो बच्चे और 28 दिसंबर को 6 बच्चे और 29 दिसंबर को एक, 30 को चार और 31 को पांच। यानी देखा जाए तो सिर्फ सात दिनों में 22 बच्चों की मौत हुई है।

तीन सदस्यीय जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में 'पीटीआई—भाषा' को बताया है कि अस्पताल अपनी क्षमता से 150 प्रतिशत अधिक पर काम कर रहा है और अस्पताल में बेहतर चिकित्सा देखभाल के लिए और सुधार की आवश्यकता है। राजस्थान में चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव वैभव गालरिया ने 'पीटीआई—भाषा' को बताया कि जांच समिति की रिपोर्ट के अनुसार 10 में से आठ बच्चों को गंभीर हालत में अन्य अस्पतालों से यहां भेजा गया था, जबकि दो बच्चों का जन्म अस्पताल में ही हुआ था। उन्होंने बताया कि सभी को उचित उपचार दिया गया था। कमेटी ने मेडिकल रिकार्ड की जांच की और पाया कि जिनको वेंटीलेटर पर रखने की जरूरत थी, उन्हें उचित उपचार दिया गया। 

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