अमेरिकी टिकटॉक स्टार ने किया CAA का विरोध, एंटी चाइना मैसेज के बाद बंद हो गया था अकाउंट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 25, 2019 05:14 PM2019-12-25T17:14:56+5:302019-12-25T17:14:56+5:30
नवंबर में फिरोजा का टिक टॉक अकाउंट चीन में उइगर मुसलमानों का मुद्दा उठाने के चलते बंद कर दिया था उसके बाद अब उन्होंने सीएए को मुद्दा बनाया है। भारत में सीएए लागू होने के बाद देश के कई राज्यों और इलाकों में इसका जमकर विरोध हुआ।
चीन में उइगर मुसलमानों का मुद्दा उठाने वाली 17 साल की अमेरिकी टिक टॉक यूजर फिरोजा अजीज एक बार फिर सोशल मीडिया की सुर्खियों में हैं। फिरोजा अजीज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इन दिनों काफी वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे वीडियो में फिरोजा ने भारत में लागू हुए नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) की आलोचना की है।
फिरोजा अजीज के को लोग उनके अलग स्टाइल में अपनी बात रखने के लिए जानते हैं। दरअसल फिरोजा अपने वीडियो में ब्यूटी टिप्स बताती हैं और शानदार तरीके से अपनी बातों ऐसे घुमाती हैं कि उसमें कब देश-दुनिया के चर्चित मुद्दों को शामिल कर देती हैं पता ही नहीं चलता।
नवंबर में फिरोजा का टिक टॉक अकाउंट चीन में उइगर मुसलमानों का मुद्दा उठाने के चलते बंद कर दिया था उसके बाद अब उन्होंने सीएए को मुद्दा बनाया है। भारत में सीएए लागू होने के बाद देश के कई राज्यों और इलाकों में इसका जमकर विरोध हुआ। हिंसक घटनाएं भी हुईं जिसमें प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी दोनों घायल हुए और कुछ की मौत भी हुई।
सीएए मासले ने कई देशों और वहां के लोगों का ध्यान भी अपनी ओर खींचा। चीन के मुद्दे के बाद उनका अकाउंट बंद कर दिया गया था लेकिन जल्द ही दोबारा चालू कर दिया गया था। अब फिरोजा अजीज के वायरल हो रहे वीडियो में उन्होंने सीएए पर बोला है और उनका वीडियो सोशल मीडिया में काफी वायरल भी हो रहा है।
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— feroza.x (@x_feroza) December 24, 2019
फिरोजा ने वीडियो में मैं भारत में पास किए गए सीएए के बारे में भी बोलना चाहती हूं, जो मूल रूप से मुसलमानों को भारत में नागरिकता प्रदान करने से बाहर करता है। इतना ही नहीं भारतीय नागरिक होने के लिए मुसलमानों को दस्तावेज प्रमाण दिखाने की भी आवश्यकता है। फिरोजा ने आगे कहा कि यह ह्यूमन राइट के खिलाफ है। मानवाधिकारों का उल्लंघन है क्योंकि यह विधेयक कथित रूप से एक ऐसे बिल के रूप में कार्य करता है जो शरण देने वालों और उन लोगों को मंजूरी देता है जिन्हें इसकी आवश्यकता है, लेकिन धर्म पर पूरी तरह से इतनी बड़ी संख्या में लोगों को बाहर करना गलत है।