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Andhra Pradesh में Sexual Power बढ़ाने के लिए गधे का मांस खा रहे है लोग, 600 रुपये किलो मिल रहा मीट!

By प्रतीक्षा कुकरेती | Published: March 1, 2021 08:34 PM2021-03-01T20:34:21+5:302021-03-01T20:37:41+5:30

भारत में लोग अपनी सेक्सुअल पावर बढ़ाने के लिए तमाम तरह के उपाय करते है.  दवाओं के सेवन से लेकर घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार भी ट्राई करते हैं. सेक्स पॉवर बदने का एक ऐसा तरीका इन दिनों आंध्र प्रदेश में इस्तेमाल किया जा रहा है जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. जी हां, आंध्र प्रदेश के लोगों का मानना है कि गधे का मांस खाने से सेक्सुअल पावर बढ़ती है. इसके अलावा वहां के लोग गधे के मीट के कई दूसरे फायदों का भी दावा करते हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में गधों के मांस का उपयोग कई लोग खाने के लिए करते हैं. आंध्र प्रदेश में गधों के मांस को लेकर कई धारणाएं हैं. यहां के लोगों को लगता है कि गधे का मांस कई समस्याओं को दूर कर सकता है. वे मानते हैं कि गधे का मांस खाने से सांस की समस्या दूर हो सकती है. यहां के लोगों का मानना है कि गधे का मांस खाने से पीठ दर्द, अस्थमा ठीक होता उन्हें यह विश्वास भी है कि गधे का मांस खाने से यौन क्षमता भी बढ़ती है. इन धारणाओं की वजह से लोग गधे के मांस का इस्तेमाल भोजन के तौर पर कर रहे हैं. आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी समेत कई जिलों में गधों को मारा जा रहा है. इनमें कृष्णा, प्रकाशम और गुंटूर समेत कई दूसरे इलाके शामिल हैं. यहां उनके मांस की खपत बहुत तेजी से बढ़ी है.


आंध्र प्रदेश में गधों की संख्या में लगातार तेजी से गिरावट आ रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक आंध्र प्रदेश में एक गधे की कीमत 15 से 20 हजार रुपये है. आंध्र प्रदेश में गधे का मीट 600 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जा रहा है. यही वजह है कि आंध्र प्रदेश में गधों की संख्या में लगातार तेजी से गिरावट आ रही है.

आपको बता दें भारत में गधों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. देश में विलुप्त होने वाले जानवरों की लिस्ट में गधे का नाम भी शामिल है. आंध्र प्रदेश में गधों की संख्या और भी ज्यादा चिंताजनक है. भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI)ने गधे को ‘फूड एनीमल’ की श्रेणी में नहीं रखा है, लिहाजा इसे मारकर खाना पूरी तरह से अवैध है.

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