लाइव न्यूज़ :

डॉ.आंबेडकर ने 25 दिसंबर 1927 को क्यों जलाई थी मनुस्मृति?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 25, 2021 18:57 IST

Open in App
भारतीय संविधान के निर्माता, देश के पहले कानून मंत्री और समाज के वंचित तबकों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले डॉ. भीमराव आंबेडकर ने वैसे तो इतिहास, धर्म, अर्थशास्त्र, सामाजिक न्याय जैसे विषयों पर कई किताबें लिखी हैं लेकिन समाज के कमजोर तबकों के लिए अपनी लड़ाई के दौरान डॉ.आंबेडकर ने 25 दिसंबर 1927 को एक किताब अपने हाथों से जलाई भी थी. यह कोई मामूली किताब नहीं बल्कि मनुस्मृति थी. मनुस्मृति दहन की यह घटना दलित चेतना आंदोलन के इतिहास में मील के पत्थर के तौर पर दर्ज है.
टॅग्स :बी आर आंबेडकरदलित विरोध
Open in App

संबंधित खबरें

क्राइम अलर्टUP News: बलिया में अज्ञात लोगों ने आंबेडकर प्रतिमा को किया क्षतिग्रस्त, मामला दर्ज

भारतConstitution Day 2025: पीएम मोदी ने संविधान दिवस पर नागारिकों को दिया संदेश, कहा- "संवैधानिक कर्तव्य मजबूत लोकतंत्र की नींव"

भारतConstitution Day 2025: 'मजबूत राष्ट्र के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है संविधान', अमित शाह ने संविधान दिवस की दी शुभकामनाएं

भारतभारतीय संविधान के निर्माण का रोचक सफर

भारतबिहार में दलित मतदाताओं की संख्या 20 फीसदी?, 40 सीटें आरक्षित, कांग्रेस, राजद, जदयू और भाजपा की नजर, किस सीट पर क्या समीकरण

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई