googleNewsNext

अपराधों को लिंग-निरपेक्ष बनाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में डाली गई एक याचिका

By धीरज पाल | Published: January 15, 2018 02:46 PM2018-01-15T14:46:07+5:302018-01-15T14:55:14+5:30

सुप्रीम कोर्ट में आज एक नई जनहित याचिका दाखिल कर बलात्कार, यौन उत्पीड़न, सम्मान को ठेस पहुंचाने, �..

सुप्रीम कोर्ट में आज एक नई जनहित याचिका दाखिल कर बलात्कार, यौन उत्पीड़न, सम्मान को ठेस पहुंचाने, किसी के निजी पलों में तांक-झांक कर आनंद लेने और पीछा करने जैसे अपराधों को लिंग-निरपेक्ष बनाने की मांग की गई।याचिका में मांग की गई कि आईपीसी के तहत ऐसे अपराधों से जुड़े प्रावधानों में इस्तेमाल किए गये किसी ‘‘पुरूष'' शब्द को संविधान के दायरे से बाहर घोषित किया जाए। ऋषि मल्होत्रा नाम के एक वकील ने यह याचिका दायर की है। याचिका में ऋषि ने कहा है कि संबंधित धाराओं को पढ़ने से साफ-साफ प्रदर्शित होता है कि संबद्ध प्रावधानों के तहत सभी अपराधों को किसी पुरुष द्वारा ही अंजाम दिया जाएगा और पीड़िता हमेशा कोई महिला ही होगी। याचिका में मांग की गयी कि आईपीसी की धारा 354, 354-ए, 354-बी, 354-सी, 354-डी और 375 में ‘किसी पुरुष' शब्द को संविधान के दायरे से बाहर घोषित कर दिया जाए और इन्हें संविधान के अनुच्छेद 14 एवं 15 का उल्लंघन करार दिया जाए, क्योंकि ये लिंग के आधार पर लिंग-निरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करते हैं।

टॅग्स :सुप्रीम कोर्टयौन उत्पीड़नsupreme courtsexual harassment