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Covid-19 के साथ भूख, बेरोजगारी और मजबूरी भी ले रही Migrant Labours की जान

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 18, 2020 09:25 AM2020-05-18T09:25:17+5:302020-05-18T09:25:17+5:30

कोरोना काल में लोग केवल बीमारी से ही दम नहीं तोड़ रहे हैं. भूख, बेरोजगारी, घर वापसी की मजबूरी और सरकारी उदासीनता की वजह से भी लॉकडाउन के पिछले 53 दिन में हर दिन औसत तीन से पांच व्यक्ति ने सड़कों-रेल ट्रैक पर सरकारी व्यवस्था को मुंह चिढ़ाते हुए अपने प्राणों की बलि दी है. यह लोगों के सपनों की अपनों की मौत है. कड़वी हकीकत से रुबरु होने के लिए चंद उदाहरण ही काफी होंगे.

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