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Mamta Banerjee की अपील वाम मोर्चा व Congress ने की खारिज, TMC पड़ी अलग थलग | West Bengal Elections

By गुणातीत ओझा | Updated: January 14, 2021 22:00 IST

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बंगाल के रण में अलग-थलग पड़ीं ममता?पश्चिम बंगाल में चुनाव के दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे सियासी समीकरण के नए रंग देखने को मिल रहे हैं। राज्य में भाजपा और टीएमसी के बीच जंग पर पूरे देश की नजर है। इस कड़ी में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हर वो मुनासिब प्रयास कर रही हैं जिससे राज्य में भाजपा को कमजोर किया जा सके। टीएमसी ने बुधवार को वाम मोर्चा और कांग्रेस से भाजपा की ‘सांप्रदायिक एवं विभाजनकारी’ राजनीति के खिलाफ लड़ाई में ममता बनर्जी का साथ देने की अपील की थी। टीएमसी की इस अपील को दोनों दलों ने सिरे से खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने तो टीएमसी को पेशकश की है कि वह भाजपा के खिलाफ लड़ाई के लिए गठबंधन बनाने के स्थान पर कांग्रेस में विलय कर ले।भाजपा ने कहा- टीएमसी में अकेले मुकाबला करने का सामर्थ्य नहींराज्य में मजबूती से उभर रही भाजपा का कहना है कि टीएमसी की यह पेशकश दिखाती है कि वह पश्चिम बंगाल में अप्रैल-मई में होने वाले संभावित विधानसभा चुनावों में अपने दम पर भगवा पार्टी का मुकाबला करने का सामर्थ्य नहीं रखती है। दिलीप घोष ने कहा कि यह टीएमसी की ‘हताशा’ को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘वे (टीएमसी) हमसे अकेले नहीं लड़ सकते हैं, इसलिए वे अन्य दलों से मदद मांग रहे हैं। इससे साबित होता है कि भाजपा ही टीएमसी का एकमात्र विकल्प है।’ लोकसभा चुनावों में बुरी तरह हारने के बाद कांग्रेस और वाम मोर्चा ने साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।टीएमसी सांसद ने कहा- ममता धर्मनिरपेक्ष का चेहराटीएमसी के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय ने कहा, ‘अगर वाम मोर्चा और कांग्रेस वास्तव में भाजपा के खिलाफ है तो उन्हें भगवा दल की सांप्रदायिक एवं विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ लड़ाई में ममता बनर्जी का साथ देना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ही भाजपा के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष राजनीति का असली चेहरा हैं।’अधीर रंजन बोले- ममता कांग्रेस में शामिल हो जाएंटीएमसी के प्रस्ताव पर राज्य कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने प्रदेश में भाजपा के मजबूत होने के लिए सत्तारूढ़ दल को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा, ‘हमें टीएमसी के साथ गठबंधन में कोई दिलचस्पी नहीं है। पिछले 10 सालों से हमारे विधायकों को खरीदने के बाद टीएमसी को अब गठबंधन में दिलचस्पी क्यों है। अगर ममता बनर्जी भाजपा के खिलाफ लड़ने की इच्छुक हैं तो उन्हें कांग्रेस में शामिल हो जाना चाहिए, क्योंकि वही सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई का एकमात्र देशव्यापी मंच है।’''भाजपा भी वाम मोर्चा को लुभाने का प्रयास कर रही है''बनर्जी ने कांग्रेस से अलग होकर 1998 में टीएमसी की स्थापना की थी। सीपीएम के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती ने आश्चर्य जताया कि टीएमसी वाम मोर्चा और कांग्रेस को राज्य में नगण्य राजनीतिक बल करार देने के बाद उनके साथ गठबंधन के लिए बेकरार क्यों है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा भी वाम मोर्चा को लुभाने का प्रयास कर रही है। सुजान चक्रवर्ती ने कहा, ‘यह दिखाता है कि वह (वाम मोर्चा) अभी भी महत्वपूर्ण है। वाम मोर्चा और कांग्रेस विधानसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा दोनों को हराएंगे।’
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