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ISRO का PSLV-C51/Amazonia-1 Successfully Launch, अंतरिक्ष में क्यों भेजी गई गीता और PM Modi की तस्वीर?

By गुणातीत ओझा | Published: March 1, 2021 12:19 AM2021-03-01T00:19:44+5:302021-03-01T00:20:56+5:30

भारत के पीएसएलवी (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) सी-51 के जरिए ब्राजील के अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों का रविवार को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से सफल प्रक्षेपण किया गया।

अंतरिक्ष में क्यों भेजी गई गीता और मोदी की तस्वीर ?

भारत के पीएसएलवी (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) सी-51 के जरिए ब्राजील के अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों का रविवार को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से सफल प्रक्षेपण किया गया। यह इसरो का इस साल का पहला मिशन है। पीएसएलवी-सी51 ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम लॉन्च पैड से करीब 10 बजकर 24 मिनट पर उड़ान भरी और सबसे पहले करीब 17 मिनट बाद प्राथमिक पेलोड अमेजोनिया-1 को कक्षा में स्थापित किया। करीब डेढ़ घंटे के अंतराल के बाद अन्य उपग्रहों को 10 मिनट में एक के बाद एक करके प्रक्षेपित किया गया। इन उपग्रहों में चेन्नई की स्पेस किड्ज़ इंडिया (एसकेआई) का उपग्रह भी शामिल है, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर उकेरी गई है। एसकेआई का सतीश धवन उपग्रह (एसडी-सैट) सुरक्षित डिजिटल कार्ड प्रारूप में भगवद्गीता को भी अपने साथ लेकर गया है। एसकेआई ने कहा कि प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर पहल और अंतरिक्ष क्षेत्र के निजीकरण के लिए एकजुटता और आभार व्यक्त करने के लिए अंतरिक्ष यान के शीर्ष पैनल पर मोदी की तस्वीर उकेरी गई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने मिशन के सफल होने की घोषणा की और बताया कि सभी 19 उपग्रहों को उनकी कक्षाओं में स्थापित किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘आज का दिन पूरी इसरो टीम के लिए एक बड़ा दिन है और पीएसएलवी-सी51 भारत के लिए एक विशेष मिशन है। मैं अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों को सटीकता से उनकी कक्षा में स्थापित करने को लेकर इसरो टीम को बधाई देना चाहता हूं और उनकी प्रशंसा करता हूं।’’

37 किलोग्राम वजनी अमेजोनिया-1 ब्राजील का पहला उपग्रह है जिसे भारत से प्रक्षेपित किया गया। यह राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (आईएनपीई) का ऑप्टिकल पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है। जिन अन्य 18 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया गया है, उनमें से चार उपग्रह इसरो के भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र और 14 उपग्रह एनएसआईएल के हैं।

क्यों भेजी गई भगवद् गीता? 

इसके साथ भगवदगीता भी अंतरिक्ष में भेजी गई है। भागवत गीता को अंतरिक्ष में ले जाने का विचार स्पेस किड्ज इंडिया के सीईओ डॉ. श्रीमति केसन ने ही दिया है। उनके मुताबिक, दुनिया के अन्य अंतरिक्ष मिशन में भी अपनी पवित्र पुस्तकों जैसे- BIBLE को ले जाने का प्रचलन है। भारत में यह इतिहास बनाएगा क्योंकि ऐसा कुछ भी भारत में कभी नहीं हुआ है।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सफलता पर ‘न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड’ और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को बधाई दी। उन्होंने इसे देश में अंतरिक्ष के क्षेत्र में सुधारों के नये युग की शुरुआत बताया। प्रधानमंत्री ने ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो को भी इसके लिए बधाई दी और कहा कि यह दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग की दिशा में एक ऐतिहासिक क्षण है। 

मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनसिल) और इसरो को प्रथम समर्पित वाणिज्यिक मिशन पीएसएलवी (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) सी-51 के जरिए ब्राजील के अमेजोनिया-1 के सफल प्रक्षेपण पर बधाई। यह देश में अंतरिक्ष के क्षेत्र में सुधारों के एक नये युग की शुरुआत है।’’ उन्होंने कहा कि जिन 18 अन्य उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण हुआ है, उनमें चार उपग्रह इसरो के भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र के हैं, जो देश के युवाओं के नवोन्मेष और जोश को प्रदर्शित करते हैं। 

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘पीएसएलवी-सी51 द्वारा ब्राजील के अमेजोनिया-1 के सफल प्रक्षेपण पर राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो को बधाई। यह अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारे सहयोग के क्षेत्र में ऐतिहासिक क्षण है। मैं ब्राजील के वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं।’’

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