मुस्लिम भारत का PM बन सकता है?आजाद का जवाब कर देगा दंग..राज्यसभा (Rajyasabha) से हाल ही में रिटायर हुए कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने मुस्लिम (Muslim) और भारत की राजनीति (Indian Politics) पर बेबाकी से बात की है। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि किसी युवा मुस्लिम नेता के लिए पीएम बनने का सपना देखना मुश्किल है। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि निकट भविष्य की ही नहीं बल्कि आने वाले कुछ दशकों तक ऐसी ही स्थिति रह सकती है। हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि किसी युवा मुस्लिम नेता के लिए ऐसी महत्वाकांक्षा रखना बेहद मुश्किल है। गुलाम नबी आजाद का कुछ ऐसा ही बयान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में सुनने को मिला था। एएमयू के पूर्व छात्र सम्मेलन में आजाद ने कहा था कि देश का माहौल काफी खराब हो गया है। पहले 99 फीसदी हिंदू कैंडिडेट मुझे मुस्लिम वोटों को पाने के मकसद से चुनाव प्रचार में बुलाते थे। अब यह आंकड़ा 40 फीसदी ही रह गया है क्योंकि उन्हें मेरे जाने से हिंदू वोटों के खोने का डर है।उन्होंने कहा था कि उनकी ही पार्टी के हिंदू नेता अब उन्हें प्रचार में बुलाने से हिचकते हैं। कांग्रेस के ऐसे बहुत कम हिंदू प्रत्याशी हैं, जो उन्हें प्रचार के लिए बुलाना चाहते हैं। मुझे चुनाव प्रचार के लिए बुलाने वाले हिंदू प्रत्याशियों की संख्या में तेजी से कमी आई है। इसकी वजह यह है कि लोगों को लगता है कि मेरे जाने से उनके समर्थन में कमी आ जाएगी।1979 में महाराष्ट्र के आम चुनावों के दिन को याद करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ''मैं महाराष्ट्र में आम चुनाव 1979 में लड़ा था और मेरे सामने जनता पार्टी का हिंदू प्रत्याशी था और संसदीय क्षेत्र की आबादी भी 95 फीसदी हिंदू थी। इसके बाद भी मुझे जीत मिली थी। अब ऐसा माहौल नहीं है। गुलाम नबी आजाद ने भाजपा के प्रति नरम रुख अपनाने के आरोपों को लेकर भी सख्ती से बात करते हुए कहा कि वह भगवा पार्टी में तब शामिल होंगे, जब कश्मीर में काली बर्फ पड़ने लगेगी।याद दिला दें कि मंगलवार को गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में भावुक कर देने वाला विदाई भाषण दिया था। भाषण के बीच में उन्होंने कहा था कि उन्हें भारतीय मुसलमान होने पर गर्व है। उन्होंने यह भी कहा था कि मैं ऐसे कुछ खुशनसीब नेताओं में से हूं, जो कभी पाकिस्तान नहीं गया। मैं जब पाकिस्तान के बारे में खबरें पढ़ता हूं तो हिंदुस्तानी मुसलमान होने पर गर्व होता है। इससे पहले पीएम मोदी ने एक-एक कर गुलाम नबी आजाद, शमशेर सिंह, मीर मोहम्मद फयाज और नजीर अहमद का नाम लिया और शुभकामनाएं दीं। इस दौरान पीएम मोदी 16 मिनट बोले, जिनमें पूरे 12 मिनट आजाद के नाम रहे। आजाद का नाम लेते-लेते पीएम मोदी इतने भावुक हो गए कि रो दिए। आंसू पोंछे पानी पिया और करीब 6 मिनट तक रूंधे गले से आजाद से अपने संबंधों को याद करते रहे।