लाइव न्यूज़ :

उत्तराखंड के चमोली में हुई करंट लगने की घटना की वजह पता चली, मजिस्ट्रेट ने जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: July 29, 2023 18:02 IST

मजिस्ट्रेट जांच में पता चला है कि नमामी गंगे योजना के तहत संचालित जल-मल शोधन संयंत्र (एसटीपी)में हाल में करंट लगने की घटना अर्थिंग में खामी की वजह से हुई। च इसमें बताया गया है कि STP प्लांट की व्यवस्था विद्युत मानकों के अनुरूप नहीं थी।

Open in App
ठळक मुद्देनमामि गंगे परियोजना के पास करंट फैलने से 15 की मौत हो गई थीकरंट लगने की घटना अर्थिंग में खामी की वजह से हुईअपर जिला मजिस्ट्रेट ने पूरे प्रकरण की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है

देहरादून:  उत्तराखंड के चमोली जिले में बीती 19 जुलाई को नमामि गंगे परियोजना के पास करंट फैलने से 15 की मौत हो गई थी। हादसा ट्रांसफार्मर के फटने के बाद फैले करंट से हुआ था। अब इस दुर्घटना की मजिस्ट्रेट जांच में उस वजह का खुलासा हुआ है जिसके कारण इतना भयानक हादसा हुआ। 

मजिस्ट्रेट जांच में पता चला है कि नमामी गंगे योजना के तहत संचालित जल-मल शोधन संयंत्र (एसटीपी)में हाल में करंट लगने की घटना अर्थिंग में खामी की वजह से हुई। चमोली के अपर जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक त्रिपाठी ने पूरे प्रकरण की जांच की और शनिवार को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इसमें बताया गया है कि STP प्लांट की व्यवस्था विद्युत मानकों के अनुरूप नहीं थी।

एसटीपी में हुई घटना में कुल 16 लोगों की मौत हो गई थी। रिपोर्ट में घटना के लिए एसटीपी में विद्युतीकरण जिम्मेदारी संभाल रहीं संयुक्त उपक्रम की कंपनियों को जिम्मेदार ठहराया गया है जिन्होंने ठेके और सुरक्षा मानकों की अनदेखी की। मजिस्ट्रेट जांच में उनका ठेका रद्द करने और राज्य में काली सूची में डालने की सिफारिश की गई है।

इस संयुक्त उपक्रम में जयभूषण मलिक ठेकेदार, पटियाला (प्रमुख साझेदार) और कॉन्फिडेंट इंजीनियरिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड , कोयंबटूर शामिल है। चमोली के अलकनंदा नदी किनारे स्थित एसटीपी की सीढ़ियों और रेलिंग में 18-19 दरमियानी रात करंट दौड़ गया था जिसकी चपेट में आकर 16 लोगों की जान चली गई थी और 11 अन्य घायल हो गए थे। उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने कहा कि एसटीपी में कुछ मरम्मत कार्य करने के लिए 20 मिनट तक बिजली आपूर्ति बंद की गई थी और जब इसे बहाल किया गया तो हादसा हो गया। इस मामले में संयुक्त उपक्रम कंपनी के सुपरवाइजर सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था। 

हादसे के बाद उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (उपाकालि) ने भी माना था कि हादसा फीडर के जम्पर को लगाने के लिए लिया गया शटडाउन वापस लेने के बाद हुआ। 

टॅग्स :POWERGRIDउत्तराखण्डUttarakhand
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजलवायु परिवर्तन का शिकार होती महिलाएं 

क्राइम अलर्टDelhi Vasant Kunj Accident: जीवन की एकमात्र उम्मीद अब खत्म?, मर्सिडीज एसयूवी की चपेट में आकर जान गंवाने वाले रेस्तरां कर्मचारी रोहित के परिवार ने कहा- अब किसके सहारे...

भारतकन्दाड़ और इंद्रोलीः गांव वालों का ये फैसला वाकई कमाल का है...!

भारतUttarakhand Foundation Day: पीएम मोदी ने उत्तराखंड को दी सौगात, 8,260 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का किया उद्घाटन

भारतडोनाल्ड ट्रंप को मंडुए की रोटी या बिस्कुट खाते हुए नहीं देखूंगा, तब तक बूढ़ा नहीं होउंगा, उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा-मैदान नहीं छोड़ेंगे

उत्तराखंड अधिक खबरें

उत्तराखंडPanchang 20 July 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

उत्तराखंडKedarnath Helicopter Crash: केदारनाथ जा रहा हेलीकॉप्टर क्रैश, पायलट समेत 7 लोगों की मौत; सीएम धामी ने जताया शोक

उत्तराखंडUttarakhand Avalanche: बर्फ में फंसे 14 मजदूरों को निकाला गया, आठ अब भी फंसे

उत्तराखंडUttarakhand Budget 2025: 18 फरवरी से उत्तराखंड का बजट सत्र होगा शुरू, जानें कब तक चलेगा सत्र

उत्तराखंडSaptahik Rashifal: इस सप्ताह इन 4 राशिवालों को मिलेगा अमीर बनने का मौका, पढ़ें अपना साप्ताहिक राशिफल