यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता बोले- 'जो राम का नहीं वो किसी काम का नहीं'
By राजेंद्र कुमार | Updated: January 24, 2024 16:32 IST2024-01-24T16:30:01+5:302024-01-24T16:32:42+5:30
नंद गोपाल नंदी अयोध्या में प्रभु श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद विपक्षी नेताओं द्वारा दिए गए विवादित बयानों को लेकर बेहद नाराज हैं। बुधवार को उन्होंने विपक्षी नेताओं द्वारा प्रभु श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद दिए गए विवादित बयानों को लेकर विपक्ष पर करारा प्रहार किया।

यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता (फाइल फोटो)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले माह ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की तैयारियों में जुटे सूबे के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी धर्म कर्म को मनाने वाले व्यक्ति हैं। सूबे की धार्मिक नगरी प्रयागराज के निवासी नंद गोपाल नंदी अयोध्या में प्रभु श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद विपक्षी नेताओं द्वारा दिए गए विवादित बयानों को लेकर बेहद नाराज हैं। बुधवार को उन्होंने विपक्षी नेताओं द्वारा प्रभु श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद दिए गए विवादित बयानों को लेकर विपक्ष पर करारा प्रहार किया। उन्होने मीडियाकर्मियों से वार्ता करते हुए कहा कि प्रभु श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम पर सवाल खड़ा करने वाले विपक्षी नेयाओं के पास ना कोई एजेंडा है और ना ही कोई जनहित की बात। ऐसे विपक्षी नेताओं को लेकर सिर्फ यही कहा जा सकता है कि जो राम का नहीं वो किसी काम का नहीं।
मीडियाकर्मियों के बाद करने के बाद नंद गोपाल नंदी ने अपना यह मत सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया। इसके पहले उन्होने मीडियाकर्मियों से कहा कि हर गुजरते दिन के साथ अब यह एकदम स्पष्ट होता जा रहा है कि इंडिया गठबंधन केवल और केवल नकारात्मकता और नफरत की बुनियाद पर खड़ा हुआ है। इस गठबंधन का ना कोई नेता है, ना कोई एजेण्डा और ना ही इसके पास कोई जनहित की बात है। यही नहीं जनता द्वारा नकार दी गई पार्टियां अपने-अपने परिवार का राजनीतिक अस्तित्व बचाने को लेकर इंडिया गठबंधन के बैनर तले एकजुट हुई हैं। इस इंडिया गठबंधन में बस एक बात पर आम सहमति है और वह है हिन्दू आस्था पर चोट करना, सनातन को अपमानित करना और रामभक्तों की भावनाओं को ठेस पहुँचाना। जनता ऐसी सोच रखने वाले दलों को सबक सिखाएगी।
रामद्रोहियों को सबक सिखाएगी जनता : नंदी
औद्योगिक विकास मंत्री नंदी का यह भी कहना है कि ऐसा लगता है कि इस गठबंधन पर आसुरी शक्तियों का प्रभाव है। प्रभु श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का विपक्षी नेताओं द्वारा किया गया सामूहिक बहिष्कार इसका सबूत है। कांग्रेस, डीएमके, आरजेडी और समाजवादी पार्टी के नेताओं द्वारा दिए गए आपत्तिजनक बयानों के बाद अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राम भक्तों को काफिर जाना बेहद ही निंदनीय है। असल में जिस तरह से राम मंदिर के निर्माण को लेकर देशभर में उत्साह और उल्लास है, उसे देखकर विपक्षी नेताओं की नींद गायब हो गयी है। ऐसे में अब वह बौखलाहट में विवादित बयान दे रहे हैं। जनता इन रामद्रोहियों को सबक सिखाने के लिए कमर कस चुकी है। अब राम राज्य में आसुरी शक्तियों का कोई स्थान नहीं है, उनका (विपक्ष दलों ) समूल नाश निश्चित है।