लखनऊ: HDFC बैंक ऑफिस में कुर्सी से गिरी कर्मचारी की मौत, सहकर्मियों ने काम के दबाव को बताया वजह; अखिलेश यादव ने योगी सरकार को घेरा
By अंजली चौहान | Updated: September 25, 2024 15:12 IST2024-09-25T15:10:32+5:302024-09-25T15:12:28+5:30
लखनऊ:लखनऊ में एचडीएफसी बैंक की कर्मचारी सदफ फातिमा की अपने कार्यालय में काम करते समय मृत्यु हो गई, जिससे कार्यस्थल पर तनाव को लेकर चिंताएं पैदा हो गईं।

फोटो क्रेडिट- ट्विटर
लखनऊ: पुणे में एक महिला कर्मचारी की काम के दवाब में मौत का मामला इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। वर्क प्रेशर के चलते किसी कर्मचारी की मौत होने की खबर ने लोगों के बीच एक चर्चा को जन्म दे दिया था जो अभी शांत भी नहीं हुआ था कि उत्तर प्रदेश से भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है। दरअसल, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक महिला कर्मचारी की ऑफिस में अचानक मौत से कई सवाल खड़े कर दिए है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मृतक महिला के सहकर्मियों का कहना है कि वह काम के दबाव में थी। घटना मंगलवार को हुई और महिला की पहचान 45 वर्षीय सदाफ फातिमा के रूप में हुई, जो एचडीएफसी बैंक में काम करती थी।
वह एचडीएफसी बैंक की गोमतीनगर स्थित विभूति खंड शाखा में एडिशनल डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट के पद पर तैनात थी, जैसा कि प्रकाशन की रिपोर्ट में बताया गया है। 24 सितंबर को, सदाफ ऑफिस में काम करते समय कुर्सी से गिर गई। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
महिला की मौत पर टिप्पणी करते हुए विभूतिखंड एसीपी राधारमण सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि सदफ फातिमा की काम करते समय संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उन्होंने कहा, "उसके शव का पंचनामा भर दिया गया है और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम के बाद मौत का कारण स्पष्ट हो जाएगा।"
अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार को घेरा
समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने एक पोस्ट में इस घटना को चिंताजनक बताया और कहा कि यह देश में मौजूदा आर्थिक दबाव का प्रतीक है। अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, "इस संबंध में सभी कंपनियों और सरकारी विभागों को गंभीरता से सोचना होगा। यह देश के मानव संसाधन की अपूरणीय क्षति है। इस तरह की अचानक मौतें कामकाजी परिस्थितियों को सवालों के घेरे में लाती हैं। किसी भी देश की प्रगति का असली पैमाना सेवाओं या उत्पादों के आंकड़ों में वृद्धि नहीं है, बल्कि यह है कि व्यक्ति मानसिक रूप से कितना मुक्त, स्वस्थ और खुश है।"
लखनऊ में काम के दबाव और तनाव के कारण एचडीएफ़सी की एक महिलाकर्मी की ऑफिस में ही, कुर्सी से गिरकर, मृत्यु का समाचार बेहद चिंतनीय है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 24, 2024
ऐसे समाचार देश में वर्तमान अर्थव्यवस्था के दबाव के प्रतीक हैं। इस संदर्भ में सभी कंपनियों और सरकारी विभागों तक को गंभीरता से सोचना होगा। ये देश के… pic.twitter.com/Xj49E01MSs
अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि देश की आर्थिक नीतियां विफल हो गई हैं। उन्होंने ट्वीट किया, "भाजपा सरकार की विफल आर्थिक नीतियों के कारण कंपनियों का कारोबार इतना कम हो गया है कि वे अपना कारोबार बचाने के लिए कम लोगों से कई गुना अधिक काम करवा रही हैं। इस तरह की अचानक मौतों के लिए भाजपा सरकार उतनी ही जिम्मेदार है, जितनी भाजपा नेताओं के बयान जो जनता को मानसिक रूप से हतोत्साहित करते हैं।" उनकी पोस्ट में लिखा था, "इस समस्या से निपटने के लिए कंपनियों और सरकारी विभागों को 'तत्काल सुधार' के लिए सक्रिय और सार्थक प्रयास करने चाहिए।"
मालूम हो कि इस साल जुलाई में, 26 वर्षीय अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल नामक एक महिला चार्टर्ड अकाउंटेंट की काम के तनाव के कारण मृत्यु हो गई, वह पुणे की एक फर्म अर्न्स्ट एंड यंग (ईवाई) में शामिल होने के सिर्फ़ चार महीने बाद ही मर गई। उसकी मृत्यु के बाद, सेबेस्टियन की माँ ने सितंबर में ईवाई इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि काम के बोझ और काम के घंटों में बढ़ोतरी के कारण उनकी बेटी पर बुरा असर पड़ रहा है। हालाँकि, फर्म ने आरोपों से इनकार किया। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने हाल ही में कहा था कि पेरायिल के मामले की जाँच की जा रही है।