Lok Sabha Elections 2024: एनडीए और इंडिया गठबंधन को मायावती की ना!, पूर्व सीएम ने कहा-बसपा को लेकर मीडिया भ्रम ना फैलाए
By राजेंद्र कुमार | Updated: August 30, 2023 18:55 IST2023-08-30T18:54:00+5:302023-08-30T18:55:30+5:30
Lok Sabha Elections 2024: एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों से ही बसपा दूर रहेगी और अकेले लोकसभा तथा विधानसभा का चुनाव लड़ेंगी.

file photo
Lok Sabha Elections 2024: बीते तीस दिनों में तीसरी बार बुधवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने किसी भी दल से चुनावी गठबंधन करने से इंकार किया. उन्होने दो टूक शब्दों में फिर यह कहा है कि उनकी पार्टी किसी से भी गठबंधन नहीं करेगी. यानी मायावती ना तो इंडिया और ना ही एनडीए गठबंधन के साथ जाएगी.
एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों से ही बसपा दूर रहेगी और अकेले लोकसभा तथा विधानसभा का चुनाव लड़ेंगी. कुल मिलाकर मायावती ने किसी गठबंधन में शामिल होने की सभी संभावनाओं पर विराम लगाते हुए अपने एकला चलो के फैसले से सब को अवगत करा दिया. इससे पहले भी मायावती ने अकेले ही चुनाव लड़ने की बात कही थी.
बुधवार को भी उन्होने अपने इस फैसले को कड़ाई से दोहराते हुए यह संकेत किया कि वह एकला चलो की ही राह पर हैं. अपने इस रुख को स्पष्ट करते हुए मायावती ने एनडीए और इंडिया गठबंधन पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि इंडिया और एनडीए गठबंधन सांप्रदायिक, पूंजीवादी और गरीब विरोधी पार्टियां हैं.
इसलिए इनके साथ चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता. बसपा वर्ष 2007 की तरफ अकेले लोकसभा और चार राज्यों में होने वाले विधानसभा का चुनाव लड़ेंगी. हमारे साथ गठबंधन के लिए सब तैयार हैं लेकिन हम ऐसा नहीं चाहते हैं.
गठबंधन करें तो सेक्युलर और न करें तो भाजपाई
यह दावा करते हुए मायावती को मीडिया से भ्रम ना फैलाने की सलाह दी. विपक्ष के भाजपा से मिलीभगत के आरोप को लेकर बसपा प्रमुख ने कहा का इनके साथ गठबंधन कर लें तो सेक्युलर और न करें तो भाजपाई. यह सही नहीं है. ये तो उसी तरह है जैसे अंगूर मिल जाए तो ठीक वरना अंगूर खट्टे हैं.
मायावती ने कांग्रेस और भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस जातिवादी दलों के साथ गठबंधन कर रही है. मगर हम अपने दम पर लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. भाजपा के बारे में मायावती ने कहा था कि इस सत्ताधारी पार्टी के कथनी और करनी में अंतर है. सत्ता पक्ष जनता से खोखले वादे कर रही है.
सत्ता पक्ष को मात देने के लिए विपक्षी गठबंधन बना है. कांग्रेस के वादे को भी मायावती ने पहले ही हवा हवाई बताया था और कहा था कि अगर कांग्रेस सही तरह काम करती तो उसे सत्ता से बाहर ही नहीं होना पड़ता. बुधवार को मायावती ने इमरान मसूद को बसपा से बाहर निकाले जाने को लेकर भी अपना पक्ष रखा.
मायावती ने कहा कि इमरान मसूद कांग्रेस व उस पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रशंसा में व्यस्त हैं. इससे लोगों के मन में एक ही सवाल उठता है कि उन्होंने पहले यह पार्टी क्यों छोड़ी और फिर दूसरी पार्टी में क्यों गए? इस तरह के लोगों पर जनता कैसे भरोसा करेगी.