Assembly Election 2023: एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सपा को कांग्रेस से चाहिए सीटें, अखिलेश यादव की नजर इस मुहिम पर
By राजेंद्र कुमार | Published: September 18, 2023 02:33 PM2023-09-18T14:33:28+5:302023-09-18T14:34:30+5:30
Assembly Election 2023: सपा को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने की मुहिम के चलते अखिलेश यादव कांग्रेस से इन तीन राज्यों के चुनाव में कुछ सीटें चाहते हैं.

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Assembly Election 2023: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों के लिए सीटें छोड़ने के एवज में समाजवादी पार्टी (सपा) को कांग्रेस से मध्य प्रदेश (एमपी), राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा में कुछ सीटें चाहिए. सपा को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने की मुहिम के चलते अखिलेश यादव कांग्रेस से इन तीन राज्यों के चुनाव में कुछ सीटें चाहते हैं.
सपा नेताओं के अनुसार कांग्रेस के सीनियर नेताओं को अखिलेश यादव की मंशा से अवगत करा दिया गया है. अब जल्दी ही कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व इस संबंध में अखिलेश यादव के साथ बातचीत करेगा. सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम के अनुसार, पार्टी पहले ही यह घोषणा कर चुकी है कि वह मिजोरम को छोड़कर सभी राज्यों में चुनाव लड़ेगी.
एमपी में तो पार्टी ने छह विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा भी की है. एमपी में सपा का एक विधायक भी है. इस राज्य में वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में सपा सात सीटें जीत चुकी है. वर्ष 2018 में सपा ने एक सीट जीती थी. इसके अलावा पार्टी की छत्तीसगढ़ इकाई ने उन निर्वाचन क्षेत्रों की एक सूची अखिलेश यादव को भेजी हैं, जहां पार्टी के उम्मीदवार खड़े किए जा सकते हैं.
छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा और 11 लोकसभा सीटें हैं. इस राज्य में वर्ष 2018 के दौरान हुए विधानसभा चुनावों में सपा ने 10 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई थी. कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के चुनावों में सपा तीन से छह सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है और बाकी जगह वह कांग्रेस को समर्थन देगी.
छत्तीसगढ़ सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कार्यसमिति सदस्य ओम प्रकाश साहू कहते हैं कि इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए है. इसलिए पार्टी राज्य में चुनाव लड़ेगी और आपस में टकराव ना हो इसके लिए कांग्रेस को कुछ सीटें हमारे लिए छोड़नी चाहिए. ताकि राज्य में हमारी राजनीतिक उपस्थिति और दृश्यता बढ़े. राजस्थान में भी सपा ने विधानसभा की पांच और लोकसभा की एक सीट मांगी है.
कांग्रेस ने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में सपा को तीन सीटें लड़ने के लिए दी थीं लेकिन आखिरी वक्त पर सपा इस गठबंधन से बाहर आ गई थी. सपा पांच विधानसभा और अलवर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है. सपा नेताओं का कहना है कि राजस्थान में अलवर तथा कुछ अन्य सीटों पर ओबीसी वोट भारी तादाद में है. इस आधार पर सपा कांग्रेस से सीटें छोड़े जाने की मांग कर रही है.
विपक्षी एकता के लिए कांग्रेस छोड़ेगी सीटें :
सपा के नेताओं को उम्मीद है कि इंडिया गठबंधन की एकता के लिए एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस सपा के लिए कुछ सीटें छोड़ने पर मान जाएगी. ऐसे में अब यूपी में यह सवाल उठ रहा है कि क्या कांग्रेस सपा को इन राज्यों में सीट देने को आसानी से तैयार हो जाएगी? और आम चुनाव के लिए बना इंडिया गठबंधन क्या विधानसभा चुनाव के लिए भी काम करेगा?
इस सवालों को लेकर सपा नेता और राजनीति के तमाम जानकार कहते हैं कि इंडिया गठबंधन में शामिल तमाम पार्टियां इस कोशिश में हैं कि विपक्षी एकता का संदेश विधानसभा चुनावों में ही दिखना चाहिए. लालू यादव जैसे बड़े नेता यह कह चुके हैं कि सीट बटवारे को लेकर सभी बड़ी पार्टियों के नेताओं को उदारता दिखानी चाहिए. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने नुकसान की भी परवाह नहीं करनी चाहिए.
यह वजह है, यूपी में सपा के नेता यह कह रहे हैं कि सपा यूपी में सीट बंटवारे में बड़ा दिल दिखाएगी. ऐसे में राजस्थान और छत्तीसगढ़ जहां कांग्रेस की सरकार है, उसे सपा का भी सहयोग लेना चाहिए और कुछ सीटें छोड़नी चाहिए. अब जल्दी ही कांग्रेस के बड़े नेता सपा के साथ इस संबंध में बातचीत करेंगे. कांग्रेस के सीनियर नेता केसी वेणुगोपाल सपा नेताओं को यह बताया है.