यहां पानी के नीचे दिखते हैं पहाड़, स्वतंत्रता संघर्ष से जुड़ी है ये जगह

By मेघना वर्मा | Updated: March 10, 2018 13:04 IST2018-03-10T13:04:36+5:302018-03-10T13:04:36+5:30

इस साफ-सफाई के कारण ही द्वीप को इको-फ्रेंडली का दर्जा भी दिया जाता है। यहां के घने जंगलों में पाए जाने वाले कई प्रजाती के पक्षी और सुन्दर फूल इसे एक उत्तम हनीमून स्थान बनाते हैं।

Plan your next tour to the Andaman and Nicobar Islands | यहां पानी के नीचे दिखते हैं पहाड़, स्वतंत्रता संघर्ष से जुड़ी है ये जगह

यहां पानी के नीचे दिखते हैं पहाड़, स्वतंत्रता संघर्ष से जुड़ी है ये जगह

घूमने का शौक हो और समुद्र के किनारों से प्यार हो तो आप अंडमान और निकोबार द्वीप जाने का प्लान बना सकते हैं। इसके साथ ही अगर आपको शहर से दूर शांति की तलाश हो तब भी आप भारत के इस केन्द्रशासित प्रदेश का ट्रिप बना सकते हैं। यहां जाकर आप खुद को तलाश पाएंगे। आठ हजार वर्ग किलोमीटर में फैले इस द्वीप को वैसे तो हनीमून के लिए परफेक्ट बताया जाता है लेकिन आप फैमिली या दोस्तों के साथ भी यहां आने का प्लान बना सकते हैं। 

भारत के दक्षिण में और बंगाल की खाड़ी के बीच स्थित इस द्वीप में पानी के नीचे पर्वत की श्रृंखला को देखा जा सकता है। अंडमान और निकोबार दो अलग द्वीप हैं जो एक दूसरे से केवल 10  डिग्री नार्थ लैटीट्यूड की दूरी पर है।

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पोर्ट ब्लेयर इन दोनों द्वीप का प्रवेश द्वार ही नहीं बल्कि यहां की राजधानी भी है। यह सबसे ज्यादा आबादी वाला  शहर है। पोर्ट ब्लेयर के हवाई अड्डे से आप किसी अन्य परिवहन साधन द्वारा इन दोनों द्वीपों की सैर कर सकते हैं। 

अंडमान और निकोबार में आप समुद्री तट के साथ स्कूबा डाइविंग का मजा ले सकते हैं। इस साफ-सफाई के कारण ही द्वीप को इको-फ्रेंडली का दर्जा भी दिया जाता है। यहां के घने जंगलों में पाए जाने वाले कई प्रजाती के पक्षी और सुन्दर फूल इसे एक उत्तम हनीमून स्थान बनाते हैं।

अब तक यहां के घने जंगलों में लगभग 2200 प्रजाती के पेड़-पौधे पाए गए हैं, जिन में से 1300 प्रजातियां भारत में भी मौजूद नहीं हैं , जिसके कारण अंडमान-निकोबार द्वीप को एक अलग दर्जा प्राप्त है। यहां के स्थानीय  लोगों ने पर्यटकों के विश्राम के लिए सुन्दर विश्रामकक्ष बनाये हैं, ताकि वे पूरे  वातावरण का भरपूर आनंद लें सकें।

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इतिहास से है संबंध

भारत की आजादी के समय अंड़मान-निकोबार में मौजूद सेल्युलर जेल या कालापानी की सजा आपने जरूर सुनी होगी। अंग्रेजों की इसी दरिंदगी के निशान अंडमान-निकोबार के सेल्युलर जेल में आज भी देखने को मिलते हैं। सेल्युलर जेल भारतीय इतिहास का एक काला अध्याय है।

भारत जब गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा था, अंग्रेजी सरकार स्वतंत्रता सेनानियों पर कहर ढा रही थी। हजारों सेनानियों को फांसी दे दी गई, तोपों के मुंह पर बांधकर उन्हें उड़ा दिया गया। कई ऐसे भी थे जिन्हें तिल तिलकर मारा जाता था, इसके लिए अंग्रेजों के पास सेल्युलर जेल का अस्त्र था। हालंकि इस जेल को बंद करके अब इसे म्यूजियम में बदल दिया गया है। जिसे देखने लोग देश-विदेश से आते हैं। 

ऐसे जा सकते हैं

अंडमान-निकोबार जाने के लिए कई सुविधाए उपलब्ध है। भारत से पोर्ट ब्लेयर के वीर सावरकर हवाई अड्डे के लिए कोलकाता, भुवनेश्वर और चेन्नई जैसे शहरों से कई उड़ाने उपलब्ध है। शिप्पिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने निकोबार के पोर्ट ब्लेयर  के लिए, चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर के लिए महीने में दो बार और विजाग से पोर्ट ब्लेयर तीन महीने में एक बार एम।वी।नेनकोय नमक समुंद्री जहाज की सेवा उपलब्ध कराई है। जिससे आप आसनी से अंड़मान-निकोबार पहुंच सकते हैं। 

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