प्राकृतिक खूबसूरती का गढ़ है मुन्नार, सिर्फ हनीमून ही नहीं गर्मी की छुट्टियों के लिए भी है बेस्ट
By मेघना वर्मा | Published: April 18, 2018 11:03 AM2018-04-18T11:03:38+5:302018-04-18T11:03:38+5:30
मुन्नार से 13 किलोमीटर दूर समुन्द्र तल से 1700 मीटर ऊपर 'मट्टुपेट्टी' नाम की जगह है। जब आप मुन्नार की यात्रा पर हों तो आप मट्टुपेट्टी अवश्य आएं, खूबसूरती को करीब से महसूस कर पाएंगे।
भारत के केरल राज्य को भगवान की नगरी भी कहा जाता है। यहां की प्राकृतिक सुन्दरता देखते ही बनती है। दक्षिण भारत में होने के कारण बहुत से लोगों का मानना है कि केरल में हमेशा चिपचिपाती धूप ही रहती होगी और यही कारण है कि लोग अपने ट्रेवल लिस्ट में केरल को शामिल करने से बचते हैं। लेकिन आज हम केरल के एक ऐसे हिल स्टेशन के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जहां जून की गर्मी में भी आपको कपकंपा देने वाली ठण्ड का एहसास होगा। जी हां, हम बात कर रहे हैं केरल के प्रमुख पर्यटन केंद्र मुन्नार की। जिला इडुक्की में स्थित ये हिल स्टेशन वैसे तो हनीमून कपल का पसंदीदा माना जाता है लेकिन इसका सफर इतना रोमांचक होता है कि आप अपने परिवार के साथ भी यहां आने का प्लान बना सकते हैं। लोग अक्सर यहां शहर की भाग-दौड़ और प्रदूषण से दूरी बनाने के लिए आते हैं।
बादलों के बीच से होकर पहुंचिए मुन्नार
कोयम्बटूर रेलवे स्टेशन से जब आप बाहर निकलेंगे तो आपको मौसम और ठण्ड का अहसास हो जाएगा। आप चाहें तो यहां से प्राइवेट गाड़ी करके मुन्नार तक का सफर तय कर सकते हैं। गाड़ी से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद आप पहाड़ों पर होंगे और कुछ ही देर में खुद को बादलों के करीब पाएंगे। घुमावदार रास्तों पर जब आप आगे बढ़ेंगे तो आप बादलों के बीच से खुद को जाते हुए देख पाएंगे। वैसे तो इन पहाड़ी रास्तों पर गाड़ी रोकने की अनुमति नहीं होती लेकिन आप चाहें तो 10 मिनट के लिए गाड़ी से उतरकर इन रास्तों पर परफेक्ट सेल्फी या फोटो क्लिक करवा सकते हैं।
मुन्नार में भी है तीन नदियों का संगम
मुन्नार एक मलयालम शब्द है जिसका अर्थ होता है तीन नदियों के संगम का स्थान। मुन्नार में आपको मधुरपुजहा, नल्लाथन्नी और कुंडाली नदी एक ही स्थान पर मिलती हुई दिखाई देगी। इस हिल स्टेशन की पहचान है यहां के विस्तृत भू-भाग में फैली चाय की खेती, औपनिवेशिक बंगले, छोटी नदियां, झरने और ठंडा मौसम।
मुन्नार में देखने लायक जगहें
देवीकुलम
केरल में स्थित पर्वतीय स्थल देवीकुलम अपने सुंदर प्राकृतिक दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। मखमली हरी दूब के मैदानों से घिरी संकरी पहाड़ियों व नुकीली चट्टानों के बीच से गिरते कल-कल की ध्वनि करते झरने आपको सुंदर वातावरण का आनंद देते हैं। देवीकुलम, इडुक्की जिले में मुन्नार से लगभग 7 किमी दूरी पर स्थित है। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह एक पसंदीदा स्थल है क्योंकि वे यहां विभिन्न वनस्पतियों और जीव को देखने का लुत्फ उठाने के साथ-साथ उनका अध्ययन भी कर सकते हैं। देवीकुलम ट्रैकर्स के लिए भी पसंदीदा जगह है और बागानों तथा लाल गोंद के पेड़ों के मध्य भ्रमण वास्तव में एक अद्भुत अनुभव प्रदान करता है।
इको पॉइंट
आप यहां अपना या अपने दोस्तों का नाम लीजिये आपको सामने से अपनी ही आवाज वापस सुनाई देगी। जी हां, ये है मुन्नार की सबसे आकर्षक जगह इको पॉइंट। मुन्नार से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस जगह का पानी पूरी तरह से हरा है। ये जगह बेहद खूबसूरत है जो किसी का भी मन मोह सकती है।
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मट्टुपेट्टी
मुन्नार से 13 किलोमीटर दूर सुर समुन्द्र तल से 1700 मीटर ऊपर स्थित है मट्टुपेट्टी, यह बेहद खूबसूरत स्थल है। जब आप मुन्नार की यात्रा पर हों तो आप मट्टुपेट्टी अवश्य आएं। मट्टुपेट्टी झील और मट्टुपेट्टी बांध यहां के अन्य लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण हैं। आप यहां बोटिंग का लुत्फ उठा सकते हैं।
राजमाला
मुन्नार से 15 किलोमीटर दूर राजमाला यहां का एक और प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। यहां आकर आप नीलगिरि तहर (यह एक जानवर होता है) को बड़ी ही आसानी से देख पाएंगे। बताया जाता है कि विश्व के आधे से ज्यादा तहर इसी भाग में रहते हैं। यहां आकर आप एक साथ कई सारी चीजों का आनंद ले सकते हैं।
एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान
जंगली जीवों को देखने का शौक है तो आप मुन्नार के एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान जाने का प्लान बना सकते हैं।जो पश्चिमी घाट के 97 वर्ग किमी।के साथ, क्षेत्र में फैला हुआ है। यह पार्क, भारत के नम्बर वन जैव विविध क्षेत्रों के रूप में सूचीबद्ध है जो जंगल और वन्यजीव विभाग के प्रशासन के अधीन आता है। जैव विविधताओं से भरे इस क्षेत्र को नीलगिरि तहर के प्राकृतिक आवास के रूप में जाना जाता है।
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चाय संग्रहालय
चाय बागानों की उत्पत्ति और विकास की दृष्टि से मुन्नार की अपनी अलग विरासत मानी जाती है। इस विरासत को ध्यान में रखते हुए, केरल के ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं में चाय बागानों की उत्पत्ति और विकास के कुछ सूक्ष्म और दिलचस्प पहलुओं को सुरक्षित रखने और प्रदर्शनीय बनाने के लिए मुन्नार में टाटा टी द्वारा कुछ वर्ष पहले एक संग्रहालय की स्थापना की गई थी। इस चाय संग्रहालय में दुर्लभ कलाकृतियां, चित्र और मशीनें रखी गई हैं।
इनमें से हर एक की अपनी कहानी है जो मुन्नार के चाय बगानों की उत्पत्ति और विकास के बारे में बताती है।