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इस गुफा में मौजूद है 30 हजार साल पुरानी शैल चित्र, जुड़ी है ये पौराणिक कथा

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: January 6, 2018 19:14 IST

2003 में इस गुफा को वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित कर दिया गया था।

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मध्य प्रदेश के रायसेन में मौजूद भीमबेटका गुफा (भीमबैठका) अपनी प्राचीन इतिहास के लिए जाना जाती है। ये गुफा दो वजहों से काफी प्रसिद्ध है। पहला कारण है इसका महाभारत काल से जुड़ाव और दूसरा इस गुफा में सबसे पुराने शैल चित्र का मौजूद होना। रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले साल भोपाल में आयोजित भारत आसियान यूथ समिट में शामिल होने आए प्रतिनिधि इस गुफा में आए थे।

30 हजार साल पुराना शैल चित्र

इस गुफा के अंदर 30 हजार साल पुराना शैल चित्र है, जिसे देखकर प्रतिनिधि के अधिकारी हैरान रह गए। 2003 में इस गुफा को वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित कर  दिया गया। 

गुफा के बारे में 

भोपाल से 46 किलोमीटर दूरी पर दक्षिण में भीमबेटका की गुफाएं मौजूद हैं, जो चारों तरफ से विन्ध्य पर्वतमालाओं से घिरी हुई हैं।  इनकी खोज वर्ष 1957-1958 में डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर ने की थी। इन गुफाओं में बनी चित्रकारियां पाषाणकालीन मनुष्यों के जीवन को दर्शाती हैं। यहां करीब 500 गुफाएं हैं। 

भीमबेटका गुफाओं में बहुत सारी तस्वीरें बनी हुई हैं जो प्राचीन काल की गवाही देती हैं। गुफा में मौजूद तस्वीरें लाल और सफेद रंग से तैयार की गई हैं। जिसमें वन्यप्राणियों के शिकार दृश्यों के अलावा घोड़े, हाथी, बाघ आदि के चित्र उकेरे गए हैं। भोपाल-होशंगाबाद रोड पर स्थित इस स्थल पर आवागमन 24 घण्टे उपलब्ध रहता है। 

शैलकला और शैलचित्र का अद्भूत नजारा 

इस गुफा में 750 शैलाश्रय हैं जिनमें 500 शैलाश्रय चित्रों द्वारा सजा हुआ है। पूर्व पाषाण काल से मध्य ऐतिहासिक काल तक यह जगह मानव गतिविधियों का केंद्र रहा है। यह धरोहर अब पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है। भीमबेटका क्षेत्र में प्रवेश करते हुए पत्थरों पर लिखी हुई कई जानकारियां मिलती हैं। यहां के शैल चित्रों के विषय मुख्य रुप से सामूहिक नृत्य, रेखांकित मानवाकृति, शिकार, पशु-पक्षी, युद्ध और प्राचीन मानव जीवन के दैनिक क्रियाकलापों से जुड़े हैं। इन शैल चित्रों में आमतौर पर प्राकृतिक लाल और सफेद रंगों का प्रयोग किया गया है। 

महाभारत के भीम ने किया था आराम 

इस गुफा के पीछे एक किंवदंती बहुत ही प्रचलित है। भीमबेटका नाम भीम और वाटिका, दो शब्दों से मिल कर बना है। माना जाता है कि इस गुफा का संबंध द्वापर युग की महाभारत कथा से है। इसका नाम महाभारत काल के पांच पांडवों में से एक भीम के नाम पर पड़ा है। 

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