23 दिसंबर (शनिवार) को वीकेंड और उसके बाद क्रिसमस यानी तीन दिन की छुट्टियां। इन तीन दिन में आप घूमने के लिए दिल्ली के आस-पास जगहों की तलाश कर रहे हैं तो पांच जगहें आपके लिए मुफीद हो सकती हैं। ये सारी जगहें दिल्ली से 200 किलोमीटर के इर्द-गिर्द हैं। यहां आप कम समय और कम खर्चे में क्रिसमस का आनंद ले सकते हैं। पक्षियों की नगरी भरतपुर में जा सकते हैं, प्राकृतिक सौंदर्य शहर सोहना का रुख कर सकते हैं, राजस्थान के नीमराना में जाकर आप ऐतिहासिक धरोहरों को निहार सकते हैं।
पक्षियों की नगरी, भरतपुर
सोहना, प्राकृतिक का अनूठा संगम
दिल्ली से 64 किलोमीटर की दूरी स्थित सोहना, हरियाणा राज्य का एक खूबसूरत शहर है। यह शहर वीकेंड मनाने के लिए काफी चर्चित है। दरअसल, सोहना अमरावली पर्वतमाला पर स्थित होने की वजह से यहां पर्यटक खिचे चले आते हैं। यह शहर गर्म पानी के झरने और प्राचीन शिव के मंदिर के लिए जाना जाता है। दमदम झील यहां का विख्यात पर्यटन स्थल है जहां से आप प्राकृतिक सौंदर्य को निहार सकते हैं। इसके अलावा आप इस झील में बोटिंग का आनंद भी ले सकते हैं। क्रिसमस ट्रिप में इस जगह को शामिल कर सकते हैं। वैसे हर साल यहां फरवरी के महीने में मेले का आयोजन होता है।
किले, महल, झील और मंदिरों का शहर अलवर
दिल्ली से 165 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है अलवर, जो राजस्थान की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। अरावली पहाड़ियों के बीच बसे इस शहर का पुराना नाम शाल्वपुर था। यह जगह वीकेंड मनाने के लिए फेमस है। अलवर किले, महल, झील और मंदिरों का शहर माना जाता है। प्राकृतिक सुंदरता से घिरा यह शहर पर्यटकों को खूब भाता है। बाला किला, फतहगंज का मकबरा, सरिस्का, सिटी पैलेस ऐतिहासिक जगहें हैं, यहां आप क्रिसमस ट्रिप पर आ सकते हैं। इन जगहों पर न केवल घूमें बल्कि राजस्थान की पारंपरिक भोजन लुत्फ उठा सकते हैं जो बेहद ही स्वादिष्ट होते हैं।
वाइल्ड लाइफ के लिए जाएं केसरोली
अगर आपको इतिहास, किला और वाइल्ड लाइफ जैसी चीजें पंसद है तो आपको केसरोली जाना चाहिए। यह दिल्ली से करीब 165 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह वीकेंड मनाने के लिए फेमस है। यहां स्थित हिल फोर्ट अब एक हिरिटेज होटल बन चुका है। यहां राजपुतों के इतिहास को जान सकते हैं। इसके अलावा यहां के ऐतिहासिक किलों में घूम सकते हैं।
बावड़ी और के किलों का शहर, नीमराना
दिल्ली से 129 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नीमराना वीकेंड मनाने के लिए सबसे सही जगह है। यहां आप ऐतिहासिक किलों के अलावा बावड़ी को देख सकते हैं। यहां स्थित सरिस्का नेशनल पार्क में जा सकते हैं। सरिस्का कभी अलवर के राजपरिवार का शिकारगाह हुआ करता था।